
भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर हंगामा हो गया। भाजपा ने विकास कार्यों पर दिए गए अभिभाषण का समर्थन किया तो कांग्रेस ने विरोध जताया। कहा- कांग्रेस ने जितनी भी याोजनाएं चलाईं, विकास कार्य किए, भाजपा ने इन्हें बंद कर दिया। इसे लेकर सदन में कांग्रेस और भाजपा सदस्यों में बहस भी हुई। भाजपा विधायकों ने कांग्रेस पर प्रदेश का बंटाधार करने का आरोप लगाया तो कांग्रेस ने बेरोजगारी, बिजली और किसानों का मुद्दा उठाया। बाद कल यानी एक मार्च को बजट पेश होगा। यह पहला मौका है, जब डिजिटल बजट पेश होगा। यह पूरी तरह से पेपरलेस बजट होगा। वित्त मंत्री इसे टैबलेट पर पढ़ेंगे। उधर, डिजिटल बजट को लेकर कांग्रेस विधायकों ने असहमति जताई है।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसे मनमाना रवैया बताया है। उनका कहना है कि बहुत सारे विधायकों को डिजिटल की पूरी समझ नहीं है, ऐसे में उन्हें पहले ट्रेनिंग दी जानी थी, या फिर बजट दोनों प्रारूपों (पेपर और डिजिटल) में पेश किया जाना था। हालांकि, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि डिजिटल बजट को लेकर विपक्ष ने कोई विरोध नहीं किया है। उन्होंने बस अपना सुझाव दिया है।
बता दें कि इस बार मप्र विधानसभा ने बजट सत्र को डिजिटलाइज्ड कर नवाचार किया है। इसके तहत विधायकों को टैबलेट और मीडिया को बजट की सॉफ्ट कॉपी पेनड्राइव के जरिये मुहैया कराई जाएगी। कांग्रेस के आदिवासी अंचल के विधायक अशोक मर्सकोले ने इस नवाचार पर कहा कि पेपरलेस बजट पेश करना नवाचार है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी विधायक इसे समझ सकें। ऐसे में उन्हें हार्ड कॉपी भी दी जानी चाहिए। कांग्रेस के ही विधायक कमलेश्वर पटेल भी पूरी तरह से डिजिटल बजट पर सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा- नवाचार किया है वह ठीक है, लेकिन कम से कम पहले विधायकों को इसकी ट्रेनिंग को दे देते। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का कहना है कि विधायकों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी, इस सवाल पर पटेल कहते हैं कि बजट के दिन ही ट्रेनिंग देकर आप क्या समझा लेंगे?
गृह मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा ने कल मीडिया से बातचीत में कहा कि जिसको जैसे समझना है, वैसे समझाने का प्रयास करेंगे। ई बजट वित्त मंत्री पढ़ेंगे। जिसे नहीं समझ आ रहा, वह सुन भी सकते हैं। यदि नेता प्रतिपक्ष कोई और मार्ग बताएंगे तो वह भी करेंगे।