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MP विधानसभा बजट सत्र का दूसरा दिन : कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह बोले- दिवालिया होकर दिवाली मनाने चली है सरकार

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा हुई। इस दौरान भाजपा ने विकास योजनाओं और विकास यात्रा का समर्थ किया, जबकि कांग्रेस ने इस पर सवाल उठाए।  खिलचीपुर से कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने तो राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा कर दिया। उन्होंने कहा कि-सरकार, प्रदेश को दिवालिया कर दिवाली माना रही है। 19 वर्षों में प्रदेश की हालात क्या है यह किसी से छिपा नहीं है। इतना कर्ज हो गया है कि आप यहां भाषण दे रहे हैं और आरबीआई मध्य प्रदेश को नीलाम करने में लगा है।

सभापति ने कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल से शॉर्ट में बात रखने को कहा, जिसपर रामेश्वर पटेल बोले- अभी तो शुरू किया है और हम फालतू बात नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक ने कहा कि, 18 साल की सरकार को विकास यात्रा निकालने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल महोदय का अभिभाषण झूठा प्रस्तुत कराया। कांग्रेस की सरकार ने पंचायतों को अधिकार दिया था। बीजेपी सरकार ने पंचायतों के अधिकार कम करने का काम किया।

विकास यात्रा फ्लॉप, उसमें नृत्य मनोरंजन ही हुआ : कांग्रेस विधायक

खिलचीपुर से कांग्रेस विधायक प्रियव्रत सिंह ने कहा कि सरकार की जवाबदारी हमारे सवालों के प्रति नहीं है। वो जवाब नहीं देते। हमने इसीलिए राज्यपाल के अभिभाषण को झूठ का पुलिंदा कहा है। 19 वर्षों में प्रदेश की हालात क्या है यह किसी से छिपा नहीं है। इतना कर्ज हो गया है कि आप यहां भाषण दे रहे हैं और आरबीआई मध्य प्रदेश को नीलाम करने में लगा है। प्रदेश को दीवालिया कर दिवाली माना रही है सरकार।

प्रियव्रत बोले- आपकी विकास यात्रा फ्लॉप हुई, नृत्य मनोरंजन हो रहा था। ये टेंट क्यों, पटाखे क्यूं, मनोरंजन के कार्यक्रम क्यूं। इसको लेकर सदन में हंगामा हुआ। भाजपा सदस्यों ने प्रियव्रत को रोका। प्रियव्रत ने कहा- एक सरपंच विकास यात्रा में नहीं गया तो थानेदार ने उसे उसका मकान तोड़ने की धमकी दी।

पांच करोड़ 18 लोग प्रदेश में गरीब हैं। ये राज्यपाल के अभिभाषण में कहा गया। क्या 20 साल में आपका प्रदेश इतना आत्मनिर्भर नहीं हुआ कि उन्हें निःशुल्क राशन देना पढ़ रहा है। सरकार टेबलेट पर बजट पेश कर रही है। एक टेबलेट आप भी ले लें झूठ नहीं बोलने की। प्रियव्रत ने बिजली का मुद्दा उठाया इस पर भाजपा विधायकों ने कहा- जिन्होंने प्रदेश को अंधेरे में रखा- वो बिजली की बात कर रहे हैं।

प्रदेश का बंटाधार हो गया था : राजेंद्र पांडेय

जावरा से भाजपा विधायक राजेंद्र पांडेय ने कहा- जिस प्रदेश का बंटाधार हो गया था, आज वह चहुमुखी विकास की ओर अग्रसर है। जिस तरह विकास यात्रा में भीड़ उमड़ी उसमे पुष्प वर्षा हुई, वह कांग्रेस को देखना चाहिए। विरोध करने पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने यह देखा। कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री विजय लक्ष्मी साधो ने इस पर टोका। लेकिन सभापति ने राजेंद्र पांडेय को बोलने को कहा। शिवराज पहले मुख्यमंत्री हैं, जो 24 में से 16 घंटे काम कर रहे हैं। अब तक ऐसा कौनसा CM रहा, जो इतना काम करता है।

कमलेश्वर पटेल ने उठाया बेरोजगारी का मुद्दा

कांग्रेस विधायक कमलेश्वर पटेल ने कहा- इंवेस्टर मीट में कोई भी इमोलमेंट नहीं होता। अर्जुन सिंह के कार्यकाल का उदाहरण देते हुए कहा कि, सतना में सीमेंट, कटनी में माइनिंग जैसे तमाम उद्योग स्थापित किए। लेकिन बीजेपी की सरकार की गलत नीतियों की वजह से तमाम उद्योग बंद हो गये। प्रदेश में बेरोजगारी इतनी है कि, किसी विभाग में छह पद भी निकलते हैं तो हजारों की भीड़ उमड़ती है।

सरकारी संस्थाओं में बहुत सारे पद खाली हैं, लेकिन भर्ती नहीं हो रही है। स्कूल, अतिथि शिक्षकों के भरोसे हैं। सीएम राइज स्कूल खुल रहे हैं- भर्ती की नहीं और स्कूल खोल रहे हैं। दुर्भाग्य है कि सरकारी स्कूलों में छात्र कम हो रहे हैं। ज़मीनी हक़ीक़त ये है कि सरकारी स्कूल बंद होने की कगार पर हैं। हम किसान, मज़दूर के बच्चों के साथ अन्याय कर रहे हैं।

18 साल की सरकार को विकास यात्रा निकालने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। राज्यपाल महोदय का अभिभाषण झूठा प्रस्तुत कराया। कांग्रेस की सरकार ने पंचायतों को अधिकार दिया था। बीजेपी सरकार ने पंचायतों के अधिकार कम करने का काम किया। बिजली की स्थिति ख़राब है। ग़रीबों के घरों की कुर्की हो रही है। नोटिसें मिल रही हैं।

सरकार कह रही है की बिजली सरप्लस है रोज किसान को यह क्यों नहीं मिल रही। कटौती क्यों हो रही है? कृषि मंत्री जी किसानों का क़र्ज क्यों माफ़ नहीं किया गया। किसान को पंजीयन के लिए घूमना पड़ता है। उसे बार-बार क्यों अपग्रेड करने के लिए कहा जाता है। पटवारी, तहसीलदार जाने कहाँ-कहाँ के चक्कर लगाने पड़ते हैं। बार-बार पंजीयन का सिस्टम ख़त्म होना चाहिए। मोबाइल पर ही यह होना चाहिए। यशपाल सिंह ने कहा पहले की सरकारों में तो पंजीयन होते ही नहीं थे। इस पर पटेल ने कहा- पहले टेक्नोलॉजी नहीं थी।

कांग्रेस की आंखों में मोतियाबिंद आ गया है : यशपाल

मंदसौर से भाजपा विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने कहा- विकास हमारी सरकार ने किया है तो बतायेंगे भी हम ही। प्रतिपक्ष विकास बताने नहीं जाएगा। वह तो हमारा विरोध ही करेगा। उन्होंने बताया कि, कांग्रेस के पदाधिकारियों को विकास दिख ही नहीं रहा, दिखेगा भी नहीं शायद आपकी आंखों में मोतियाबिंद आ गया है। आप पहले ऑपरेशन करवाईये। जिस गांव में इतना विकास हुआ वहां कांग्रेस के पदाधिकारियों को विकास ही नहीं दिखा। पीएम मोदी और सीएम शिवराज के नेतृत्व में शुरू की गईं योजनाओं से प्रदेश के हर एक गांव के लोगों का लाभ पहुंचाया गया है।

सरकार को जनता के मुद्दों की जानकारी नहीं : तरुण भनोट

बजट को लेकर पूर्व वित्त मंत्री तरुण भनोट ने कहा कि, वित्त मंत्री तो कुछ करते नहीं है। AC कमरों में बैठे अधिकारी बजट बनाते हैं। उन्हें जनता के मुद्दों की कोई जानकारी नहीं है। प्रदेश में पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के रेट सबसे ज्यादा हैं, महंगाई चरम पर है। लेकिन सरकार को किसी भी वर्ग का ध्यान नहीं है।

क्या महंगई को नियंत्रित करने के लिए पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। इसके  जवाब में तरुण भनोत ने तोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि, राहुल गांधी इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कह चुके हैं। इसमें पूरी तरह से बदलाव होना चाहिए।

झूठ-फरेब की राजनीति करना कांग्रेस की आदत है: मंत्री सारंग

कांग्रेस द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि- हाथ कंगन को आरसी क्या, पढ़े लिखे को फारसी क्या। हमारी सरकार में अगर झूठ था तो हजारों बेटियों से जाकर पूछो जिन्हें लाड़ली लक्षमी योजन के तहत हमने लाड़ली लक्षमी बनाया। यदि हम झूठ बोलते हैं तो आप इस बात की जानकारी उनसे लो जिनके आयुष्मान कार्ड बने हैं। उन हजारों बेटियों से पूछो जिनकी शादी शिवराज मामा ने करवाई। लाखों तीर्छ दर्शनकारियों से पूछो जिनकी तीर्थ यात्रा हमने करवाई। झूठ और फरेब की राजनीति करना कांग्रेस की आदत है।

यह बजट गुमराह करने का तरीका है: पूर्व सीएम कमलनाथ

बजट को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि- यह बजट एक बहकावा है, गुमराह करने का तरीका है, यह चुनावी बजट होगा यह बात स्पष्ट है। विकास यात्रा को लेकर बोले- यह गांव में मनोरंजन का विषय बन गया है।

प्रदेश पर काफी कर्ज हो गया है: रामबाई

बसपा विधायक और दबंग नेता रामबाई ने कहा कि- प्रदेश पर काफी कर्ज हो गया है। कर्ज का पैसा कहां जाता है इस बात की जानकारी नहीं। विकास यात्रा को लेकर बोला कि, इसका कई जगह विरोध हो रहा है। चुनावी साल होने की वजह से यह निकाली गई, जनता सब जानती है।

मंत्री सिलावट ने पूछा- राज्यपाल से कोई झूठ बुलवा सकता है?

शिवराज सरकार द्वारा राज्यपाल से झूठी वाहवाही कराए जाने के आरोप पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा- राज्यपाल से कोई झूठ बुलवा सकता है क्या? जो कल्याणकारी योजना सीएम शिवराज के नेतृत्व में चल रही है, हमने उसी पर चर्चा की। कांग्रेस असत्य, बेबुनियाद आरोप लगा रही है।

मंत्री सारंग ने बताया कांग्रेस का एजेंडा!

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा, कांग्रेस का एजेंडा केवल मप्र को गर्त में डालने का है। थोड़ी भी नैतिकता है, तो कमलनाथ जी अपनी 15 महीने की सरकार का लेखाजोखा दें। उस सरकार की सिर्फ दो उपलब्धियां हैं। भाजपा की गरीब कल्याण की योजनाओं को बंद करना और आइफा अवॉर्ड कराना।

एक मार्च को पेश होगा बजट

मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे दिन आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। जिसके बाद एक मार्च को बजट पेश होगा। यह पहला मौका है, जब डिजिटल बजट पेश होगा। यह पूरी तरह से पेपरलेस बजट होगा। वित्त मंत्री इसे टैबलेट पर पढ़ेंगे। उधर, डिजिटल बजट को लेकर कांग्रेस विधायकों ने असहमति जताई है।

ई-बजट को लेकर विपक्ष ने दिया सुझाव

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने इसे मनमाना रवैया बताया है। उनका कहना है कि बहुत सारे विधायकों को डिजिटल की पूरी समझ नहीं है, ऐसे में उन्हें पहले ट्रेनिंग दी जानी थी, या फिर बजट दोनों प्रारूपों (पेपर और डिजिटल) में पेश किया जाना था। हालांकि, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि डिजिटल बजट को लेकर विपक्ष ने कोई विरोध नहीं किया है। उन्होंने बस अपना सुझाव दिया है।

ई-बजट को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आईं सामने

बता दें कि इस बार मप्र विधानसभा ने बजट सत्र को डिजिटलाइज्ड कर नवाचार किया है। इसके तहत विधायकों को टैबलेट और मीडिया को बजट की सॉफ्ट कॉपी पेनड्राइव के जरिये मुहैया कराई जाएगी। कांग्रेस के आदिवासी अंचल के विधायक अशोक मर्सकोले ने इस नवाचार पर कहा कि पेपरलेस बजट पेश करना नवाचार है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि सभी विधायक इसे समझ सकें। ऐसे में उन्हें हार्ड कॉपी भी दी जानी चाहिए। कांग्रेस के ही विधायक कमलेश्वर पटेल भी पूरी तरह से डिजिटल बजट पर सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा- नवाचार किया है वह ठीक है, लेकिन कम से कम पहले विधायकों को इसकी ट्रेनिंग को दे देते। विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का कहना है कि विधायकों को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी, इस सवाल पर पटेल कहते हैं कि बजट के दिन ही ट्रेनिंग देकर आप क्या समझा लेंगे?

गृह मंत्री डाॅ. नरोत्तम मिश्रा ने कल मीडिया से बातचीत में कहा कि जिसको जैसे समझना है, वैसे समझाने का प्रयास करेंगे। ई बजट वित्त मंत्री पढ़ेंगे। जिसे नहीं समझ आ रहा, वह सुन भी सकते हैं। यदि नेता प्रतिपक्ष कोई और मार्ग बताएंगे तो वह भी करेंगे।

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