भिंड। मध्य प्रदेश विधानसभा निर्वाचन 2023 के तहत भिंड जिले की अटेर विधानसभा क्षेत्र के मतदान क्रमांक 71 माध्यमिक शासकीय भवन किशूपुरा में मंगलवार को पुनर्मतदान शांतिपूर्ण संपन्न हो गया। सुबह 7 बजे से शुरू वोटिंग शाम 6 बजे तक चली। इस बूथ पर 1223 वोटर हैं। इसमें से 577 मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया है। शाम 6 बजे तक 47.1 प्रतिशत वोटिंग हुई। 17 नवंबर को यहां 89 प्रतिशत मतदान हुआ था।
सुबह 5.30 बजे से हुई मॉकपोल की प्रोसेस
जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि अटेर के किशूपुरा मतदान केंद्र पर डेढ़ घंटे पहले यानी सुबह 5.30 बजे से मॉकपोल की प्रोसेस हुई। अटेर में कुल 38 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 30 निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया को मैदान में उतारा है। कांग्रेस से हेमंत कटारे चुनाव लड़ रहे हैं।
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लापरवाही पर पोलिंग पार्टी को किया निलंबित
दरअसल, 17 नवंबर को वोटिंग के दौरान पोलिंग बूथ में कुछ लोग घुस आए थे। उन्होंने मतदाताओं को धमकाकर मत पर्चियां एकत्रित कर मतदान प्रभावित किया था। इसकी शिकायत पीठासीन अधिकारी द्वारा की गई थी। वहीं इस मामले में चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया। वहीं पीठासीन अधिकारी सतीश कुमार की शिकायत पर सतेंद्र भदौरिया और संतोष भदौरिया के अलावा अन्य अज्ञात दो पर सुरपुरा थाने में मामला दर्ज कराया गया था।
सपा प्रत्याशी ने रीपोलिंग को गलत ठहराया
समाजवादी पार्टी प्रत्याशी मुन्नासिंह भदौरिया मतदान करने सुबह 11.30 बजे पहुंचे। इस दौरान वे मतदाताओं की कतार में आगे खड़े हो गए। जिसको लेकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने आपत्ति दर्ज की और सपा प्रत्याशी को लाइन में खड़े होने के लिए कहा। सपा प्रत्याशी पीछे हट गए और बोले कि पोलिंग बूथ तो चेक कर सकते हैं? इसके बाद वे वापस लौट गए। उन्होंने रीपोलिंग को गलत ठहराया। उसका वोट डालने पर रीपोलिंग कराई गई है। यह गलत है। मैं हाईकोर्ट जाऊंगा।
आयोग ने लिया पुनर्मतदान का फैसला
अटेर विधानसभा में अरविंद सिंह भदौरिया और हेमंत कटारे में सीधा मुकाबला है। सपा प्रत्याशी मुन्ना सिंह भदौरिया मूलत: किशूपुरा गांव के ही रहने वाले हैं। 17 नवंबर को मतदान के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें एक व्यक्ति EVM के पास खड़ा हुआ नजर आया था। इसकी जांच के बाद आयोग ने यहां पुनर्मतदान का फैसला लिया था।
भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त से अटेर विधानसभा क्षेत्र के 16 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान कराने की मांग की थी। भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को भी ज्ञापन दिया था। आरोप लगाया था कि पीठासीन अधिकारियों ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया है।
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