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Morbi Bridge Collapse : ओरेवा ग्रुप के मालिक जयसुख पटेल को जेल भेजा, पुलिस ने रिमांड पर लेने से किया इंकार

अहमदाबाद। गुजरात मोरबी ब्रिज हादसा मामले में पुलिस ने बुधवार को ओरेवा ग्रुप के मालिक जयसुख पटेल को कोर्ट में पेश किया। पुलिस की तरफ और रिमांड नहीं मांगे जाने पर कोर्ट ने जयसुख पटेल को जेल भेजने का आदेश दिया। बता दें कि 30 अक्टूबर को इस मामले में पुलिस ने कुल 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इस चार्जशीट में पुल का संचालन करने वाली कंपनी ओरेवा ग्रुप के मालिक जयसुख पटेल को भी आरोपी बनाया गया।

30 अक्टूबर 2022 को हुआ था हादसा

30 अक्टूबर 2022 की शाम को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी के ऊपर बने सस्पेंशन ब्रिज के टूटने के चलते 300 से ज्यादा लोग डूब गए थे और 135 लोगों की मौत हो गई थी। इस हादसे में कई परिवार तक खत्म हो गए थे। हादसे के बाद लगभग 5 दिनों तक खोज एवं बचाव अभियान चलाया गया था।

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पीएम मोदी ने किया था मोरबी का दौरा

मोरबी पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 नवंबर 2022 को गुजरात के अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की थी। बैठक में अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने और जांच की हिदायत दी गई थी और नेताओं को इस जांच में हस्तक्षेप न करने का निर्देश दिया गया था। पीएम ने इसके बाद मोरबी का दौरा कर घायलों से मुलाकात की थी। जांच के बाद नगर पालिका के कई अधिकारियों को निलंबित भी किया गया था।

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ब्रिज की लंबाई करीब 765 फीट है

मोरबी का यह सस्पेंशन ब्रिज 140 साल से भी ज्यादा पुराना है। ब्रिज की लंबाई करीब 765 फीट है। यह सस्पेंशन ब्रिज गुजरात के मोरबी ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए ऐतिहासिक धरोहर है। इस ब्रिज का उद्घाटन 20 फरवरी 1879 को मुंबई के गवर्नर रिचर्ड टेम्पल ने किया था। यह उस समय लगभग 3.5 लाख की लागत से 1880 में बनकर तैयार हुआ था। उस समय इस पुल को बनाने का पूरा सामान इंग्लैंड से ही मंगाया गया था।

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