
रोम। पोप फ्रांसिस ने रविवार को एक साक्षात्कार में खुलासा किया है कि 2013 में पोप चुने जाने के ठीक बाद उन्होंने त्यागपत्र लिखा था। उन्होंने बताया कि यह त्यागपत्र उन्होंने इसलिए लिखा था, ताकि स्वास्थ्य संबंधी परेशानी आए तो कर्तव्य निर्वहन में बाधा की स्थिति में वह पद छोड़ सकें।
कार्डिनल बर्टोन को दिया था नोट
स्पेन के अखबार ‘ABC’ से पोप फ्रांसिस ने कहा- मैंने कार्डिनल तारकिसियो बर्टोन को यह नोट दिया था, जो उस समय वेटिकन के ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ थे। पोप ने कहा कि मैं मानता हूं कि वर्तमान में वेटिकन के नंबर 2 की भूमिका में कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन के पास यह लिखित निर्देश मौजूद है। वेटिकन का ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ आम तौर पर राजनीतिक और कूटनीतिक दायित्वों का निर्वहन करने वाले व्यक्ति को कहा जाता है।
86 वर्ष के हुए पोप फ्रांसिस
पोप फ्रांसिस शनिवार को 86 वर्ष के हो गए। उन्होंने 2021 में आंत से जुड़ी समस्या के लिए सर्जरी कराई थी। घुटने के दर्द के चलते कई महीनों तक उन्हें व्हीलचेयर का इस्तेमाल करना पड़ा था। हालांकि, फिलहाल वह सार्वजनिक रूप से घूमने के लिए व्हीलचेयर के बजाय छड़ी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
दक्षिण अमेरिका से पहले पोप हैं फ्रांसिस
पोप ने कहा- मैंने पहले ही अपने त्यागपत्र पर हस्ताक्षर कर दिया है। उन्होंने कार्डिनल बर्टोन को भेजे त्यागपत्र में लिखा- ‘मैंने इस पर हस्ताक्षर किए हैं, यदि मैं चिकित्सा कारणों से या किसी भी कारण से अस्वस्थ हो जाता हूं, तो यह मेरा इस्तीफा है। बर्टोन अक्टूबर 2013 में ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ पद से हट गए थे। उस समय फ्रांसिस को पोप बने एक महीना ही हुआ था। फ्रांसिस ने कहा कि मुझे यकीन है कि बर्टोन ने पत्र को वर्तमान ‘सेक्रेटरी ऑफ स्टेट’ पारोलिन को भेज दिया होगा। इससे पहले फ्रांसिस ने अपने पूर्ववर्ती पोप बेनेडिक्ट सोलहवें की सराहना की थी, क्योंकि उन्होंने बढ़ती उम्र के कारण इस्तीफा देते हुए कहा था कि वह अपने दायित्वों का सही तरीके से निर्वहन नहीं कर पाएंगे। बेनेडिक्ट पिछले 600 साल में इस्तीफा देने वाले पहले पोप थे। वह वेटिकन में ईसाई मठ में रहते हैं। बेनेडिक्ट के इस्तीफे के बाद ही फ्रांसिस पोप बने थे। दक्षिण अमेरिका से वह पहले पोप हैं।