
न्यूयॉर्क। अमेरिका के मैनहटन में आयोजित प्रतिष्ठित फैशन इवेंट मेट गाला 2025 में दुनियाभर की मशहूर हस्तियों का जमावड़ा देखने को मिला। इस चकाचौंध के बीच भारतीय पंजाबी गायक और अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने अपने शाही लुक से सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया। दिलजीत ने इस मौके पर ऐसा परिधान और गहना पहना, जो सीधे भारत के शाही इतिहास से प्रेरित था।
महाराजा भूपिंदर सिंह के अंदाज में दिलजीत
दिलजीत दोसांझ ने फैशन डिजाइनर प्रबल गुरुंग द्वारा तैयार की गई हाथीदांत रंग की पोशाक पहनी थी, जिसमें गुरमुखी लिपि में कढ़ाई की गई थी। यह पोशाक राजा-महाराजाओं की शानो-शौकत की याद दिला रही थी। लेकिन दिलजीत के इस पूरे लुक की जान था वह गहना, जिसे देखकर हर किसी की निगाहें ठहर गईं। पटियाला हार की हूबहू नकल, जिसे दिलजीत की टीम ने विशेष रूप से तैयार करवाया था।
जब असली हार नहीं मिला, तो बनवाया गया हूबहू
दिलजीत की टीम ने पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह द्वारा पहने गए प्रतिष्ठित हार को मेट गाला के लिए हासिल करने की भरपूर कोशिश की। लेकिन यह हार फिलहाल एक संग्रहालय में रखा गया है और कार्टियर ने इसे किसी को किराये पर देने से मना कर दिया। इसके बावजूद दिलजीत की जिद बनी रही कि वह महाराजा जैसा ही लुक लेकर मंच पर जाएं। अंततः उन्होंने भारतीय ज्वेलरी डिजाइनर गोलचा से इसका हूबहू प्रतिरूप बनवाया और उसे पहनकर मेट गाला में शाही ठाठ के साथ पहुंचे।
क्या है इस हार की खासियत
यह हार वर्ष 1928 में महाराजा भूपिंदर सिंह ने फ्रांस की प्रसिद्ध ज्वैलरी कंपनी कार्टियर से बनवाया था। इसमें 2,930 हीरे, बर्मी रूबी और 234.65 कैरेट का ‘डे बीयर्स’ पीला हीरा जड़ा था। जब यह हार बना, तब इसकी कीमत लगभग 10 करोड़ रुपए आंकी गई थी। आज इसकी अनुमानित कीमत 2.5 अरब डॉलर (लगभग 21,000 करोड़ रुपए) है, जो इसे दुनिया के सबसे महंगे आभूषणों में एक बनाती है।
दिलजीत दोसांझ ने 2024 में पेरिस स्थित कार्टियर स्टोर का दौरा किया था, जहां उन्होंने महाराजा भूपिंदर सिंह की तस्वीर और पटियाला हार की छवि के सामने खड़े होकर फोटो खिंचवाई थी। यह साफ संकेत था कि वह इस विरासत से भावनात्मक रूप से जुड़े हैं और इसे दुनिया के सामने प्रस्तुत करना चाहते थे।
मेट गाला 2024 में एम्मा चेम्बरलेन ने पहना था असली पटियाला हार
दिलजीत के प्रयासों से एक साल पहले, अमेरिकी यूट्यूबर और फैशन आइकन एम्मा चेम्बरलेन ने मेट गाला 2024 में वही मूल पटियाला हार पहना था। कार्टियर ने यह हार उन्हें प्रमोशन के लिए उधार दिया था। इस घटना ने सोशल मीडिया पर काफी विवाद खड़ा कर दिया। कई लोगों ने इसे भारत की सांस्कृतिक विरासत का अपमान बता रहे थे।
अगर कार्टियर चाहता तो वह पटियाला हार को उसके संस्कृतिक उत्तराधिकारी दिलजीत दोसांझ के माध्यम से दुनिया के सामने पेश कर सकता था। यह कदम न सिर्फ सांस्कृतिक महत्व को दर्शाती, बल्कि कार्टियर की वैश्विक प्रतिष्ठा और इतिहास के प्रति जिम्मेदारी को भी उजागर करता, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।