मंजरी ने सुनाया राग ललित गौरी, रेवती ने भरतनाट्यम में कराए दिव्य दर्शन
प्रणति के अंतिम दिन रवींद्र भवन में सजीं गायन, वादन, नृत्य की तीन सभाएं
Publish Date: 30 Jun 2024, 1:20 AM (IST)Reading Time: 2 Minute Read
रवींद्र भवन में चल रहे पांच दिवसीय प्रणति महोत्सव की अंतिम शाम शनिवार को गायन, वादन और नृत्य की तीन सभाएं सजीं। प्रस्तुतियों की शुरुआत महाराष्ट्र नासिक की गायिका मंजरी असनारे ने राग ललिता गौरी से की। उनके साथ तबले पर रामेंद्र सिंह सोलंकी और हारमोनियम पर दीपक कसरावल ने संगत दी। इसके बाद दूसरी सभा तबला वादन की सजी, जिसमें प्रख्यात तबला वादक योगेश समसी ने एकल तबला वादन किया। उनके साथ हारमोनियम पर मिलिंद कुलकर्णी ने साथ दिया।
वहीं कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति रेवती रामचंद्रन की भरतनाट्यम की रही। घंबीर नाट्टे और आदिताल में निबद्ध इस प्रस्तुति ने मां के दिव्य दर्शन दर्शकों को कराए। उनके साथ नाट्टुवंगम और वोकल में मनस्विनी केआर, वोकल पर अमृता गुनावती, मृदंगम पर वेंकट सुब्रमण्यम और वायलिन पर केपी नंदिनी ने साथ दिया।
मोरा मन हर लीना...
गायिका मंजरी असनारे ने प्रीतम सैंया दरस दिखा जा... पेश की। इसके बाद उन्होंने द्रुत रचना मोरा मन हर लीना... की प्रस्तुति से श्रोताओं को अंतहीन आनन्द में डूबा दिया। अंत में श्याम बजाए तोरे घर में मुरलिया... प्रस्तुत कर वातावरण को दिव्य कर दिया।
एक मंदिर पर आधारित शुद्ध नृत्यम किया पेश
दिन की अंतिम प्रस्तुति रेवती रामचंद्रन की भरतनाट्यम की रही। उनकी प्रस्तुति का नाम ‘अम्मा आनन्द दायिनी’ था। इसकी रचना बाल मुरली कृष्ण ने की थी, जिसे नृत्य गुरु रेवती रामचंद्रन ने नृत्यबद्ध किया। अगली प्रस्तुति शुद्ध नृत्यम थी, यह एक मंदिर कला पर आधारित रहा। आखिरी प्रस्तुति ‘दीन करुणा’ की रही।
योगेश ने तीन ताल में प्रस्तुत किया एकल तबला वादन
तबला वादक योगेश समसी के एकल तबला वादन की रही। योगेश समसी ने भोपाल के श्रोताओं का अभिवादन कर अपनी प्रस्तुति का आगाज किया। उन्होंने तीन ताल में तबला वादन की प्रस्तुति दी।
मन को सुकून देने वाली शास्त्रीय संगीत, गायन और वादन की प्रस्तुतियां देखने को मिलीं। इसमें कई प्राचीन रागों में गायन की प्रस्तुतियां हुईं, जिनको सुनकर दिव्य अनुभव हुआ। - मोहित शाक्य, दर्शक