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विदिशा : नहीं बची बोरवेल में गिरी बच्ची, एंबुलेंस से लेकर भागे अस्पताल लेकिन तोड़ चुकी थी दम, 8 घंटे चला रेस्क्यू रहा विफल

विदिशा। जिले के सिरोंज तहसील के कजारी-बरखेड़ा गांव में बोरवेल में गिरी ढाई साल की मासूम बच्ची को 8 घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बाहर निकाल लिया गया।  बोरवेल से बाहर निकालने के बाद तत्काल उसे सिविल अस्पताल ले जाया गया। यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने  मासूम अस्मिता को मृत घोषित कर दिया। हालांकि रात होने के कारण उसका पोस्टमार्टम अब कल सुबह किया  जाएगा और शव को कल ही परिजनों को सुपिर्द किया जाएगा। आज सुबह अस्मिता अपने घर में ही  बने एक बोरवेल में गिरकर 13 फीट नीचे जाकर फंस गई थी।

बच्ची को निकालने के लिए खोदी सुरंग

बच्ची के रेस्क्यू के लिए पुलिस, जिला प्रशासन, SDERF और NDRF की टीमें भी मौके पर पहुंच गई थी। बोरवेल की गहराई 15 फीट से ज्यादा बताई गई थी। इस बोर में बच्ची करीब 13 फीट पर फंसी हुई थी। इसके बाद प्रशासन और पुलिस ने तत्काल जेसीबी और पोकलेन मशीन की मदद से इस बोर के बाजू में ही एक गड्ढा खोदना शुरू किया। इस नई सुरंग के जरिए बच्ची तक राहत दल पहुंचा और उसे बाहर लाकर मेडिकल जांच के लिए अस्पताल भेज दिया। अस्पताल में मेडिकल जांच के बाद उसे जैसे ही मृत घोषित किया, वैसे ही बचाव कार्यों में जुटे सभी के चेहरे पर निराशा फैल गई।

बोरवेल में डॉक्टर ने की प्राथमिक जांच

बोरवेल में खुदाई के दौरान बच्ची को निकालने के लिए डॉक्टर को भी पैरेलल खोदे गए गड्‌ढे में भेजा गया था। जहां पर डॉक्टर ने बच्ची की प्राथमिक जांच भी की। हालांकि, भारी बारिश के बीच रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रूक-रूक कर हो रही बारिश के बाद इस बोरवेल को तिरपाल से ढांक कर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा गया। हालांकि, ऑपरेशन सफल न होने के बाद सभी निराश हैं।

घर के आंगन में खेल रही थी मासूम

मासूम बच्ची का नाम अस्मिता है। उसके पिता इंदर सिंह ने बताया कि घटना मंगलवार सुबह 10 बजे की है, इस दौरान अस्मिता घर के आंगन में खेल रही थी। तभी अचानक वह घर के बाहर आंगन में बने बोरवेल में गिर गई। बोरवेल में गिरने के बाद कुछ पूछने पर बच्ची जवाब भी दे रही थी।

मंत्री सारंग ने आला अधिकारियों से की थी बात

बच्ची के बोरवेल के गड्ढे में गिरने के मामले में जिले के प्रभारी मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने तत्काल मामले को संज्ञान में लेने के बाद जिला प्रशासन के आला अधिकारियों से फोन पर बात की थी। उन्होंने बच्ची को सकुशल बोरवेल से बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। इसके साथ ही वह लगातार जिला प्रशासन के साथ संपर्क में रहे और हर स्थिति पर अपडेट रखा।

जिले में दूसरी बड़ी घटना

विदिशा जिले में इससे पहले भी ऐसी घटना हो चुकी है। पहली घटना विदिशा जिले की लटेरी क्षेत्र में हुई थी। इसके बाद जिला कलेक्टर ने सभी बोरवेल को बंद करने के निर्देश दिए थे, लेकिन फिर भी सिरोंज क्षेत्र का स्थानीय प्रशासन नहीं जागा और यह दूसरी बड़ी घटना हो गई।

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