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आज से India Gate पर नहीं जलेगी अमर जवान ज्योति, राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में होगा विलय

इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति 21 जनवरी यानी आज से बंद हो जाएगी। आयोजित किए गए कार्यक्रम में इस मशाल को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया जाएगा। समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण करेंगे। भारतीय सेना के अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी।

1971 के युद्ध के शहीदों की याद में हुई थी स्थापना

  • ब्रिटिश सरकार ने 1914-21 के बीच जान गंवाने वाले ब्रिटिश भारतीय सैनिकों की याद में इंडिया गेट बनाया था।
  • इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण 1972 में इंडिया गेट के नीचे 1971 में हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों की याद में किया गया था।
  • इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था।
  • इंडिया गेट परिसर में बने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का 25 फरवरी 2019 को पीएम मोदी ने उद्घाटन किया गया था।

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में किनके नाम हैं?

राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में उन सभी भारतीय रक्षा कर्मियों के नाम हैं, जिन्होंने 1947-48 से विभिन्न अभियानों में अपनी जान गंवाई है। इस युद्ध स्मारक में 1947-48 के युद्ध से लेकर गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष तक शहीद हुए सैनिकों के नाम अंकित हैं। आतंकवाद विरोधी अभियानों में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम भी स्मारक की दीवारों पर शामिल हैं।

समारोह के दौरान होगा विलय

सेना के अधिकारियों ने बताया कि एक समारोह के दौरान अमर जवान ज्योति को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर जल रही लौ में विलय किया जाएगा, जो इंडिया गेट के दूसरी तरफ केवल 400 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस समारोह की अध्यक्षता एयर मार्शल बालभद्र राधा कृष्ण करेंगे। वे दोनों लौ को मिलाएंगे।

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