
अगर आप अक्सर प्लास्टिक के टेकअवे कंटेनरों से खाना खाते हैं, तो अब सतर्क हो जाइए! चीन की एक नई स्टडी के मुताबिक, गर्म खाने के संपर्क में आने पर प्लास्टिक के कंटेनरों से हानिकारक केमिकल्स खाने में घुल सकते हैं और शरीर में जाकर दिल को नुकसान पहुंचा सकते हैं। आइए जानते हैं, कैसे!
प्लास्टिक से बढ़ता है दिल की बीमारी का खतरा
रिसर्चर्स के चूहों पर किए गए रिसर्च में पाया कि प्लास्टिक के डिब्बों से खाने में मिलने वाले केमिकल्स हार्ट टिशू को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे न सिर्फ हार्ट हेल्थ पर असर पड़ता है, बल्कि ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है, अरेथमिया हो सकती है और हार्ट की पंपिंग क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
गर्म खाना और प्लास्टिक हो सकता है एक खतरनाक कॉम्बिनेशन
गर्म खाने या माइक्रोवेव में गर्म करने पर प्लास्टिक से बिस्फेनॉल-ए (BPA) और थैलेट्स जैसे केमिकल्स निकलने लगते हैं। BPA हार्ट सेल्स को नुकसान पहुंचा कर इंफ्लेमेशन पैदा करता है। साथ ही यह एस्ट्रोजन हार्मोन की नकल करके हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकता है, जिससे हार्ट की वर्किंग प्रभावित होती है।
ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकती है प्लास्टिक
अध्ययन में यह भी पाया गया कि प्लास्टिक से निकले केमिकल्स गट माइक्रोबायोम को बदल देते हैं। इससे सूजन बढ़ती है, ब्लड वेसल्स की दीवारें कमजोर होती हैं और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसके साथ BPA और थैलेट्स को एंडोक्राइन डिसरप्टर कहा जाता है, जो हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। लंबे समय तक प्लास्टिक के इस्तेमाल से फर्टिलिटी इश्यूज और बच्चों के विकास में बाधाएं आ सकती हैं।
बचने के उपाय
- प्लास्टिक कंटेनरों में खाना खाने या गर्म करने से बचें।
- स्टील, कांच (ग्लास) या मिट्टी के बर्तनों का प्रयोग करें।
- टेकअवे का विकल्प चुनते समय पैकिंग पर ध्यान दें।
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