ग्वालियरताजा खबर

‘अधरों को चुप रहने दो, मैं आंखों से सब सुन लूंगा’

एक अनोखी प्रेम कथा, जहां कभी कहने और सुनने की जगह ना रही

अर्पण राऊत ग्वालियर। एक ऐसी अनोखी प्रेम कहानी, जहां कभी कहने और सुनने को जगह नहीं है। तस्वीरें एकदूजे के बीच अभिव्यक्ति का माध्यम बनीं और दिल ऐसा जुड़ा कि फिर समाज के तय किए सारे किंतु और परंतु एक तरफ गठरी में बांधकर रख दोनों ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे ले लिए। वैलेंटाइन डे के दिन दुनिया प्यार के कसमे वादे के कोलाहल में डूबी है, जबकि कुछ प्रेम कहानियां बहुत खामोशी से बुनी जाती हैं, जहां शब्दों की अहमियत न के बराबर होती है। ऐसी ही एक अनोखी प्रेम कहानी है ऋषि और आभा की।

बचपन की मुलाकात और मां की पसंद ने किया आकर्षित

ग्वालियर के रहने वाले ऋषि चौबे एक निजी शैक्षणिक संस्थान में बतौर एडमिन पदस्थ हैं। उनके स्व. पिता के जबलपुर निवासी बचपन के दोस्त की बेटी आभा जन्म से सुनने व बोलने में असमर्थ है। ऋषि की आभा से बचपन की मुलाकात और मां की पसंद ने उसे आकर्षित किया। जब पहली बार देखने गए तो देखा कि वह बोल और सुन नहीं पाती। ऋषि ने आभा के पेंटिंग के शौक को देखा तो पाया कि वह बेहद संवेदनशील है और रिक्शे वाले तथा आम आदमी जैसे मुद्दों पर काफी मार्मिक चित्रण तस्वीरों में करती है।

आभा की बनाई पेंटिंग

ऋषि ने आभा के पेंटिंग के शौक को देखा तो पाया कि वह बेहद संवेदनशील है और कई मुद्दों पर काफी मार्मिक चित्रण किया है। ऋषि बताते हैं कि तस्वीरें देखकर लगा कि ऐसी संवेदनशील लड़की उनके जीवन में बेहद जरूरी है। प्रेम हो या कलह कभी आवाज इनके जीवन में महसूस नहीं हुई। मोबाइल पर टेक्स्ट मैसेज दोनों के बीच बातचीत का माध्यम बन गया।

मैसेज से दिया था प्रस्ताव

दोनों की सहमति से शादी हुई और दो संतानों के खुशहाल माता-पिता हैं। ऋषि से जब पूछा कि आपने उन्हें शादी के लिए कैसे मनाया तो उन्होंने बताया कि मैंने मैसेज कर उन्हें लिखा था कि अधरों को चुप रहने दो, मैं आंखों से सब सुन लूंगा। वहीं, आभा अपनी आंखें झुकाए हंसते हुए जाहिर करती है कि उन्हें जिंदगी की सारी खुशी ऋषि से मिल गई।

संबंधित खबरें...

Back to top button