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सुप्रीम कोर्ट पहुंची CBI : चारा घोटाला मामले में लालू यादव की जमानत को दी चुनौती, 25 अगस्त को होगी सुनवाई

पटना। बिहार की सत्तारूढ़ पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ सकती हैं। चारा घोटाला केस में हाईकोर्ट से मिली लालू की जमानत रद्द कराने के लिए CBI ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका मंजूर कर 25 अगस्त को सुनवाई की बात कही है।

CBI ने दी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती

जांच एजेंसी ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। करोड़ों रुपए के चारा घोटाले (दुमका, चाईबासा, डोरंडा, देवघर कोषागार) से संबंधित चार मामलों में हाईकोर्ट ने लालू को जमानत दे दी थी। लालू यादव पर चारा घोटाले से जुड़े 5 मामले हैं, पांचों मामलों में लालू यादव दोषी साबित हो चुके हैं। CBI ने याचिका में कहा है कि झारखंड हाईकोर्ट के जमानत के आदेश का आधार गलत है। सजा के मुताबिक लालू यादव ने जेल में समय नहीं बिताया है।

1996 में सामने आया मामला

  • जनवरी 1996 : चारा घोटाले का खुलासा हुआ, बिहार सरकार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए की हेराफेरी सामने आई। उस समय लालू प्रसाद यादव मुख्यमंत्री थे, बिहार और झारखंड एक राज्य था। ये पूरा घोटाला 950 करोड़ रुपए का बताया जाता है।
  • मार्च 1996 : इस घोटाले की जांच पटना हाईकोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी।
  • जून 1997 : सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल की। पहली बार आरोपी के तौर पर लालू प्रसाद यादव का नाम घोटाले की चार्जशीट में लिखा गया। जिसके बाद लालू ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया।
  • जुलाई 1997 : उनकी पत्नी राबड़ी देवी जुलाई बिहार की मुख्यमंत्री बनीं।
  • 2000 : बिहार और झारखंड दो अलग-अलग राज्य बन गए। मामला झारखंड हाईकोर्ट के पास चला गया।
  • फरवरी 2002 : सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में इस मामले का ट्रायल शुरू हुआ।
  • सितंबर 2013 : इस घोटाले से जुड़े मामले में लालू यादव को पहली सजा सुनाई गई।

किस केस में कितनी सजा मिली?

चाईबासा ट्रेजरी केस

ये पूरा मामला 37 करोड़ 70 लाख रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है। कोर्ट ने लालू यादव को सितंबर 2013 में 5 साल कैद की सजा सुनाई, इसके साथ बी 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया। लालू यादव पर 11 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक भी लगा दी गई। इस मामले में लालू यादव जमानत पर रिहा हैं।

देवघर ट्रेजरी केस

ये मामला 89 लाख 27 हजार रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है। स्पेशल कोर्ट ने लालू यादव को दिसंबर 2017 में साढ़े तीन साल की कैद की सजा सुनाई। इसके साथ ही 5 लाख का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में भी लालू यादव को जमानत मिल चुकी है।

चाईबासा ट्रेजरी केस

चाईबासा ट्रेजरी से जुड़ा ये दूसरा केस है जिसमें 33 करोड़ 13 लाख रुपए की अवैध निकासी हुई थी। लालू यादव को इस मामले में जनवरी 2018 में 5 साल कैद की सजा सुनाई गई थी। इसके साथ ही 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया था।

दुमका ट्रेजरी केस

ये मामला 3 करोड़ 76 लाख रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा है। सीबीआई कोर्ट ने मार्च 2018 में इस मामले में लालू यादव को 14 साल की कैद के साथ 60 लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। जिसके बाद झारखंड हाईकोर्ट ने अप्रैल 2021 में लालू यादव को जमानत दे दी थी।

डोरंडा ट्रेजरी केस

ये मामला 139 करोड़ 50 लाख रुपए की अवैध निकासी का है। कोर्ट ने लालू यादव को 15 फरवरी को इसमें दोषी करार देते हुए 5 साल कैद की सजा सुनाई। साथ ही 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया। खराब स्वास्थ्य के आधार पर डोरंडा केस में लालू को जमानत मिल गई थी।

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