ताजा खबरराष्ट्रीय

NIPAH वायरस का बढ़ रहा खतरा : केरल में एक हेल्थ वर्कर भी पॉजिटिव, 9 साल के बच्चे की हालत गंभीर… ICU में भर्ती; सरकार ने कही ये बात

तिरुवनंतपुरम। केरल के कोझिकोड में लगातार निपाह वायरस के केस सामने आ रहे हैं। हाल ही में एक हेल्थ वर्कर की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद अब तक इस वायरस से 5 मरीज संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 2 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि एक 9 साल का बच्चा गंभीर हालत में आईसीयू में भर्ती है। इसी के चलते 14 सितंबर को सभी शैक्षणिक संस्थानों को दो दिनों के लिए बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। वहीं कर्नाटक के दक्षिण कन्नड जिले में भी अलर्ट जारी किया गया है।

केरल में 5 मामलों में से 2 की मौत

केरल में निपाह वायरस के अब तक 5 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से दो लोगों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने विधानसभा में बताया कि, निपाह वायरस की जांच को लेकर पुणे से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) की टीम केरल आएगी। NIV की टीम कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में चमगादड़ों का सर्वे भी करेगी।

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया था कि, प्रदेश में जिस वायरस की पुष्टि हुई है, वह बांग्लादेशी वैरिएंट है। वहीं कोझिकोड मेडिकल कॉलेज की एक टीम ने बुधवार को निपाह वायरस की जांच के लिए मरुथोंकारा गांव से सुपारी और अमरूद के सैंपल लिए।

मरीजों में 9 साल का बच्चा भी शामिल

केरल में निपाह से पहली मौत 30 अगस्त और दूसरी मौत 11 सितंबर को हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक, दोनों मृतकों के सैंपल जांच के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) भेजे गए हैं। वहीं अब इस वायरस के दो एक्टिव मरीज हैं, जिनका इलाज चल रहा है। इनमें एक 9 साल का बच्चा और 24 साल का युवक शामिल है। हाल ही में 24 साल के एक हेल्थ वर्कर के संक्रमित होने की बात सामने आई है।

सरकार ने ICMR को दिया मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का ऑर्डर

केरल सरकार ने गुरुवार को कहा कि, लोगों को कोझिकोड जिले में फैले निपाह वायरस संक्रमण से घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन अपनी दिनचर्या में उन्हें सावधानी बरतनी चाहिए। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने वायरस को फैलने से रोकने और संक्रमितों के उपचार को लेकर 11 सितंबर की रात से सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का विवरण दिया। उन्होंने विधानसभा में दिए एक बयान में कहा, ”घबराने की बिल्कुल जरूरत नहीं है। हम सब साथ मिलकर सावधानी से इस समस्या का सामना कर सकते हैं।” सरकार ने आईसीएमआर को मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का ऑर्डर दिया है। निपाह वायरस के लिए यही एकमात्र एंटी-वायरल उपचार है हालांकि इसे अभी नैदानिक मंजूरी नहीं मिली है।

कैसे फैलता है ये वायरस?

निपाह एक ऐसा वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है। जिसे ज़ूनोटिक डिज़ीज़  कहा जाता है। ये चमगादड़ों और सुअर के जरिए इंसानों में फैल सकता है। सबसे पहले साल 2004 में इस वायरस के बारे में बांग्लादेश में लोगों को पता चला था। यहां कुछ लोगों ने खजूर के पेड़ से निकलने वाले फल को चखा था।

विशेषज्ञों के मुताबिक फ्रुट बैट्स या चमगादड़ों में निपाह वायरस प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति चमगादड़ों के सीधे संपर्क में आता है, तो वह निपाह वायरस से संक्रमित हो सकता है। इसके अलावा ये वायरस दूषित भोजन करने से भी इंसान को संक्रमित कर सकता है। दरअसल, इस वायरस से संक्रमित चमगादड़ जब कोई फल खाते हैं, तो अपनी लार को उसी पर छोड़ देते हैं। ऐसे में इंसान जब उस फल को खाता है तो वह भी इस वायरस से संक्रमित हो जाता है। इसके अलावा यह वायरस संभावित रूप से चमगादड़ के मल और चमगादड़ के मूत्र और जन्म के समय तरल पदार्थों में मौजूद होता है।

कितना खतरनाक है ये वायरस?

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में 40 से 75 फीसदी तक की मौत हो जाती है। लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात ये है कि इसका कोई इलाज नहीं है। निपाह वायरस को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस की लिस्ट में शामिल किया है।

निपाह वायरस का इंक्यूबेशन पीरियड (संक्रामक सम)य बहुत लंबा होता है, कई बार तो 45 दिन। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो जाता है, और उसे इस बारे में पता ना हो तो वह इस वायरस को और भी लोगों में फैला सकता है।

इस वायरस के लक्षण

निपाह वायरस से संक्रमित लोगों में तेज बुखार, थकान, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द और एनसीफिलाइटिस जैसे लक्षण दिख सकते हैं। विशेषज्ञ के अनुसार एनसीफिलाइटिस होने पर दिमाग में सूजन भी आ जाती है और ऐसे में मरीज की मौत तक हो सकती है।

RT-PCR टेस्ट करवाकर इस वायरस का पता लगवाया जा सकता है। इसके अलावा PCR, सीरम न्यूट्रिलाइजेशन टेस्ट और एलाइज़ा टेस्ट के जरिए भी इस वायरस की पहचान की जा सकती है।

बचाव के उपाय

  • समय-समय पर हाथ धोते रहें, खासकर खाना खाने से पहले और खाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह से जरूर धोएं।
  • दूषित फलों को खाने से बचें (खासकर दूषित आम और खजूर)
  • संक्रमित व्यक्ति से दूर रहें।
  • इस वायरस के चलते जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें।

ये भी पढ़ें- केरल पर निपाह वायरस का खतरा : 4 जिलों में अलर्ट जारी, 7 गांव कंटेनमेंट जोन बने; राज्य में अब तक 4 केस… 2 की मौत

संबंधित खबरें...

Back to top button