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Karwa Chauth 2024 : करवा चौथ आज… आपके शहर में कब होगा चांद का दीदार, जानें चंद्रोदय का समय और पूजन मुहूर्त

धर्म डेस्क। करवा चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, विशेष रूप से विवाहित महिलाओं के लिए। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। यह त्योहार मुख्यतः भारत के उत्तरी और पश्चिमी भागों में मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है।

करवा चौथ शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर यानी आज सुबह 6 बजकर 46 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर यानी कल सुबह 4 बजकर 16 मिनट पर होगा।

करवा चौथ के लिए दो पूजन मुहूर्त मिलेंगे-

  • पहला अभिजीत मुहूर्त : आज सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा।
  • दूसरा विजय मुहूर्त : दोपहर 1 बजकर 59 मिनट से लेकर 2 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।

MP के प्रमुख शहरों का चंद्रोदय समय

  • भोपाल- रात 8 बजकर 5 मिनट
  • ग्वालियर -रात 7 बजकर 54 मिनट
  • उज्जैन -रात 8 बजकर 15 मिनट
  • इंदौर- रात 8 बजकर 12 मिनट
  • जबलपुर- रात 7 बजकर 58 मिनट
  • मंदसौर- रात 8 बजकर 16 मिनट
  • खंडवा- रात 8 बजकर 12 मिनट
  • रतलाम- रात 8 बजकर 14 मिनट
  • सीहोर- 8 बजकर 09 मिनट
  • इटारसी- 8 बजकर 08 मिनट
  • नर्मदापुरम- 8 बजकर 08 मिनट
  • रायसेन- 8 बजकर 6 मिनट
  • बड़वानी- 8 बजकर 21 मिनट
  • खरगौन- 8 बजकर 21 मिनट
  • झाबुआ- 8 बजकर 21 मिनट
  • छिंदवाड़ा- 8 बजकर 04 मिनट
  • सिंगरौली- 7 बजकर 44 मिनट

कहां कितने बजे निकलेगा चांद

  • दिल्ली- रात 7 बजकर 53 मिनट
  • मुंबई- रात 8 बजकर 36 मिनट
  • कोलकाता- रात 7 बजकर 22 मिनट
  • बेंगलुरु- रात 8 बजकर 30 मिनट
  • चेन्नई- रात 8 बजकर 18 मिनट
  • लखनऊ- रात 7 बजकर 42 मिनट
  • जयपुर- रात 7 बजकर 54 मिनट
  • पुणे- रात 8 बजकर 56 मिनट
  • गुरुग्राम- रात 7 बजकर 55 मिनट
  • नोएडा- रात 7 बजकर 52 मिनट
  • गांधीनगर- रात 8 बजकर 28 मिनट
  • भोपाल- रात 8 बजकर 07 मिनट
  • पटना- रात 7 बजकर 29 मिनट
  • रांची- रात 7 बजकर 35 मिनट
  • रायपुर- रात 7 बजकर 43 मिनट
  • भुवनेश्वर- रात 7 बजकर 40 मिनट
  • चंडीगढ़- रात 7 बजकर 48 मिनट
  • जम्मू- रात 7 बजकर 52 मिनट
  • शिमला- रात 7 बजकर 45 मिनट
  • देहरादून- रात 7 बजकर 24 मिनट
  • मदूरई- रात 8 बजकर 36 मिनट
  • गंगटोक- रात 8 बजकर 40 मिनट
  • ईटानगर- शाम 6 बजकर 50 मिनट
  • दिसपुर- रात 8 बजकर 24 मिनट
  • कोहिमा- रात 8 बजकर 13 मिनट
  • इंफाल- शाम 6 बजकर 55 मिनट
  • शिलोंग- शाम 7 बजकर 02 मिनट
  • पणजी- रात 8 बजकर 39 मिनट
  • हैदराबाद- रात 7 बजकर 43 मिनट
  • श्रीनगर- रात 7 बजकर 48 मिन
  • पुडुचेरी- रात 8 बजकर 24 मिनट

सूर्योदय से चंद्रोदय तक व्रत रखती है सुहागिन

करवा चौथ के दौरान विवाहित महिलाएं अपने पति की सुरक्षा और समृद्धि के लिए कठिन निर्जला व्रत रखती हैं। वे सूर्योदय से चंद्रोदय तक उपवास रखती हैं। सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर भगवान गणेश, मां पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करती हैं और चंद्रमा को देखकर व्रत खोलती हैं। चंद्र दर्शन के समय सुहागिनें एक छलनी से अपने पति का चेहरा देखती हैं। जिसमें दीपक भी रखा जाता है। छलनी से पति का चेहरा देखने के बाद वे उनके हाथ से जल ग्रहण करती हैं और व्रत का पारण करती हैं।

 

करवा चौथ की कथा

करवा चौथ पर छलनी के इस्तेमाल की एक पौराणिक कथा के अनुसार, पतिव्रता वीरवती के सात भाई थे। जब वीरवती का विवाह हुआ तो उसने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। निर्जला व्रत रखने की वजह से उसकी तबियत बिगड़ने लगी। भाइयों से उसकी हालत देखी नहीं जा रही थी। ऐसे में एक भाई पेड़ पर छलनी में दीपक रखकर बैठ गया। छलनी में जलते हुए दीपक को देखकर वीरवती उसे चंद्रमा समझ बैठी और व्रत खोल लिया। जिसके बाद उसके पति का निधन हो गया। वीरवती को जब सच्चाई का पता चला तो वो बहुत दुखी हुई।

अगले साल जब फिर करवा चौथ का दिन आया तो वीरवती ने एक बार फिर पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत रखा। उसने बिल्कुल सुहागिन महिला की तरह व्रत के नियमों का पालन किया। इससे करवा देवी प्रसन्न हो गईं और वीरवति के मृत पति को फिर से जीवित कर दिया। कहा जाता है कि, उसके बाद से ही तभी से करवा चौथ के दिन पति को छननी से देखने की परंपरा चली आ रही है।

(नोट: यहां दी गई सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। हम मान्यता और जानकारी की पुष्टि नहीं करते हैं।)

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