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21 रिटायर्ड जजों ने CJI चंद्रचूड़ को लिखा पत्र- न्यायपालिका को कमजोर करने का लगाया आरोप, कहा- लोगों का कोर्ट से भरोसा उठता जा रहा

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के 21 रिटायर जजों ने चीफ जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ को पत्र लिखा है। पत्र में जजों ने न्यायापालिका से जनता का भरोसा उठने और उसे कमजोर करने के प्रयासों पर चिंता जाहिर की है। साथ ही चिट्ठी में न्यायपालिका पर अनुचित दबाव का जिक्र किया गया है। चीफ जस्टिस को खत लिखने वाले 21 जजों में 17 हाईकोर्ट के पूर्व जज और 4 सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज शामिल हैं। चीफ जस्टिस को लिखे पत्र में इन जजों ने जो लिखा उसे देश के हर नागरिक को पढ़ना चाहिए…

कोर्ट से उठता जा रहा भरोसा – जज

जजों ने सीजेआई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में कहा कि कुछ गुट अनुचित दबाव के साथ गलत सूचना और सार्वजनिक अपमान के जरिए न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं। इस वजह से लोगों का भरोसा कोर्ट पर कम हो रहा है।

जजों की ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप

रिटायर्ड जजों ने आरोप लगाया कि आलोचक अदालतों और जजों की ईमानदारी पर सवाल उठाने के साथ ज्यूडीशियल सिस्टम पर असर डालने के लिए धोखा देने वाले तरीके अपना रहे हैं। इस तरह की कार्रवाई न केवल हमारी न्यायपालिका की पवित्रता का अपमान करती हैं, बल्कि न्याय और निष्पक्षता के सिद्धांतों के लिए सीधी चुनौती देते हैं, जिन्हें बनाए रखने के लिए कानून के संरक्षक के रूप में जजों ने शपथ ली है।

लोकतंत्र के लिए हानिकारक

पत्र में आगे कहा गया है कि, हमने इस बात पर ज्यादा गौर किया है कि समूह का व्यवहार खासतौर पर ऐसे मामलों में दिखाई देता है, जिसका सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक महत्व ज्यादा होता है। हम दुष्प्रचार फैलाने और न्यायपालिका के खिलाफ जनभावनाएं भड़काने को लेकर काफी परेशान हैं। यह ना केवल अनैतिक है, बल्कि हमारे लोकतंत्र के सिद्धांतों के लिए भी काफी हानिकारक है।

 600 वकीलों ने भी लिखी थी CJI को चिट्‌ठी

इससे पहले चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ को 600 वकीलों ने चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने कहा था कि एक विशेष समूह न्यायपालिका पर दबाव डालने की कोशिश कर रहा है। यह ग्रुप न्यायिक व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है और अपने घिसे-पिटे राजनीतिक एजेंडे के तहत उथले आरोप लगाकर अदालतों को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है।

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