Priyanshi Soni
4 Nov 2025
तेहरान/तेल अवीव। ईरान और इजराइल के बीच युद्ध का आज नौवां दिन है। दोनों देशों के बीच लगातार हो रहे हमलों ने हालात को बेहद तनावपूर्ण बना दिया है। जहां एक ओर इजराइल ने दावा किया है कि उसके हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को 2-3 साल पीछे धकेल दिया है, वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि इजराइल के पास ‘फोर्दो’ न्यूक्लियर प्लांट को खत्म करने की तकनीकी क्षमता नहीं है।
इजराइल के विदेश मंत्री गिडोन सार ने कहा है कि, बीते कुछ दिनों में जो सैन्य कार्रवाई की गई, उससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बड़ा झटका लगा है। उन्होंने कहा कि, “हमारा उद्देश्य पूरा हो रहा है। अब ईरान को दोबारा पहले जैसी स्थिति में आने में सालों लगेंगे।”
सार ने यह भी कहा कि इस सैन्य ऑपरेशन का असर सकारात्मक रहा है और यह इजराइली नागरिकों की सुरक्षा के लिए जरूरी था।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “इजराइल ईरान के ‘फोर्दो न्यूक्लियर प्लांट’ को पूरी तरह खत्म नहीं कर सकता। यह प्लांट 80 मीटर गहरी चट्टानों के नीचे है। इजराइल के पास इस स्तर तक हमला करने की क्षमता नहीं है।”
ट्रंप ने साफ किया कि, अमेरिका की सेनाएं अगर इस युद्ध में शामिल होती हैं, तो वह ‘आखिरी विकल्प’ होगा, और इस पर फैसला लेने के लिए अभी 2 हफ्ते का समय है।
शनिवार को ईरान ने तेल अवीव सहित कई शहरों पर मिसाइलें दागीं, जिससे इमारतों को नुकसान हुआ है। जवाबी हमले में इजराइल ने ईरान के कोम और इस्फहान में हमले किए, जिसमें 2 लोग मारे गए और 4 घायल हुए।
नेटब्लॉक्स संस्था के अनुसार, ईरान में 18 जून से इंटरनेट बंद है। इसका कारण ईरान सरकार ने बताया कि यह इजराइली साइबर हमलों से बचाव के लिए किया गया है। हालांकि, आम लोग जरूरी सूचनाओं से कट गए हैं और संवाद का संकट गहराता जा रहा है।
ईरान ने IAEA प्रमुख राफेल ग्रॉसी के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासचिव और सुरक्षा परिषद में शिकायत की है। आरोप है कि ग्रॉसी ने ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को लेकर भ्रामक बयान दिए और इजराइली हमलों की निंदा नहीं की।
ईरानी परमाणु ऊर्जा प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने कहा कि जब इजराइल ने हमारे न्यूक्लियर साइट्स पर हमला किया, तो IAEA चुप रहा।
युद्ध की शुरुआत 13 जून को इजराइल द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन राइजिंग लॉयन से हुई थी। इसके जवाब में ईरान ने ‘टू प्रॉमिस थ्री’ नामक अभियान में सैकड़ों मिसाइलें दागीं।
13 जून- इजराइल ने ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया। ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से हमला इजराइली ऑपरेशन में ईरान के 14 वैज्ञानिक, 20 से ज्यादा मिलिट्री कमांडर मारे गए। ईरान ने पलटवार किया, इसे ‘टू प्रॉमिस थ्री’ नाम दिया। सैकड़ों मिसाइलें दागीं ।
14 जून- ईरान ने इजराइली रक्षा मंत्रालय को निशाना बनाया। ईरान ने तीन इजराइली F-35 फाइटर जेट मार गिराने का दावा किया। ईरान और अमेरिका के बीच न्यूक्लियर वार्ता रद्द।
15 जून- इजराइल का ईरान के 3 तेल- गैस ठिकानों पर हमला। ईरान ने मुस्लिम देशों से एक होने की अपील की। इजराइल ने ईरानी रक्षा मंत्रालय पर हमला किया। ईरानी हमलों से हाइफा के रिफाइनरी सेंटर को नुकसान।
16 जून- ईरान का इजराइल पर सबसे बड़ा हमला, 8 मरे, 200 से ज्यादा घायल। ईरान के विदेश मंत्रालय पर इजराइल का हमला। ईरान ने इजराइल का एक और F-35 गिराने का दावा किया।
17 जून- ईरान का इजराइल में मोसाद हेडक्वार्टर पर हमला। ईरान से 600 से ज्यादा विदेशी अजरबैजान के रास्ते निकाले गए। 21 मुस्लिम देशों ने इजराइली हमले की आलोचना की।
18 जून- सुप्रीम लीडर खामेनेई बोले- ईरान सरेंडर नहीं करेगा। ईरानी नागरिकों को वॉट्सऐप डिलीट करने का आदेश । ईरान ने पहली बार फतह मिसाइल का इस्तेमाल किया। ईरानी सुप्रीम लीडर ने इजराइल के खिलाफ जंग का ऐलान किया।
19 जून- ईरान ने इजराइल में 4 शहरों को निशाना बनाया। स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग और अस्पताल पर मिसाइल गिरीं। 200 से ज्यादा घायल | इजराइल ने ईरान के नतांज, इस्फहान और अराक न्यूक्लियर प्लांट पर हमला किया। ट्रम्प ने कहा- अमेरिका 2 हफ्ते में इजराइल – ईरान जंग में शामिल होने पर फैसला लेगा ।
20 जून- ईरान का तेल अवीव समते कई शहरों पर मिसाइल हमला, 23 घायल | जंग रोकने के लिए ईरान और यूरोपीय देशों की जिनेवा बैठक, ठोस नतीजा नहीं निकला।
रॉयटर्स और एपी के अनुसार, अमेरिका ने अपने 79 राजनयिकों और परिजनों को इजराइल से हटा लिया है। वहीं, सैकड़ों अमेरिकी नागरिक जमीन के रास्ते ईरान से निकलने में सफल रहे।
भारत ने भी ऑपरेशन सिंधु चलाया है, जिसके तहत 19 जून को 110, और 20 जून की रात को 290 भारतीयों को सुरक्षित निकाला गया। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले दो दिनों में 1000 से अधिक भारतीयों को रेस्क्यू किया जाए।
CIA के पूर्व डायरेक्टर लियोन पेनेटा ने राष्ट्रपति ट्रंप को चेताया है कि अगर अमेरिका युद्ध में कूदा, तो यह एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में बदल जाएगा। उन्होंने कहा कि, “इराक युद्ध से सबक लेना चाहिए। अगर अमेरिका ईरान पर हमला करता है, तो वह जरूर जवाब देगा और यह युद्ध लंबा और घातक होगा।”