
ईरान में महसा अमीनी (22 वर्षीय) की पुलिस कस्टडी में मौत का मामले में विरोध अभी थमा नहीं था कि ताजा मामला शु्क्रवार को जेहदान शहर से सामने आया है। जहां 15 साल की लड़की से दुष्कर्म के विरोध में प्रदर्शन हुआ। जिसे रोकने के लिए पुलिस ने फायरिंग की। इस दौरान 30 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है।
भीड़ ने सरकारी ऑफिसों में आग लगाई
गुस्साए लोगों ने सरकारी ऑफिसों और पुलिस स्टेशनों में आग लगाई। बता दें कि शुक्रवार को नमाज के बाद बलोच समुदाय के लोग सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी की। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें काबू करने के लिए गोलियां बरसाईं।
ये भी पढ़ें- PAK पीएम ने UN में उठाया कश्मीर का मुद्दा, भारत ने लगाई लताड़; कहा- शांति की बात कर आतंकवाद फैलाना…
पुलिस स्टेशन को किया आग के हवाले
रिपोर्ट्स के अनुसार, गवर्नर होसैन मोदारेस खियाबानी ने कहा है कि शुक्रवार को आतंवादी और अलगाववादी से जुड़े कुछ दंगाइयों ने शुक्रवार को नमाज की आड़ में पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। इस हमले में उन्होंने पत्थर और जलने वाले सामान पुलिस स्टेशन में फेंके। इसके अलावा पुलिस स्टेशन पर कब्जा करने के लिए गोलीबारी की गई।
ये भी पढ़ें- फ्लोरिडा में इयान तूफान ने मचाई तबाही, भारी बारिश से प्रवासियों से भरी नाव डूबी; 23 लोग लापता
पुलिस कमांडर पर दुष्कर्म का आरोप
दरअसल, पिछले सप्ताह एक पुलिस कमांडर पर 15 साल की एक बलोच लड़की से दुष्कर्म के आरोप लगे थे। ईरान के प्रमुख सुन्नी धर्मगुरू मौलवी अब्दुल हमीद ने इस लड़की से दुष्कर्म की पुष्टि की थी। आरोपी कमांडर का नाम कर्नल इब्राहिम खूचाकजई है। वह शिया मुस्लिम है। पीड़ित लड़की सुन्नी है। शुक्रवार को बलोच समुदाय के नेताओं ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन का आह्वान किया था। बता दें कि ईरान के दक्षिण-पूर्वी सिस्तान और बलोचिस्तान प्रांत में सुन्नी बलोच आबादी रहती है।