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प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों से NRI का मोहभंग, इस बार दो स्टूडेंट्स ने कराया पंजीयन, एक ने भी नहीं लिया एडमिशन

भोपाल। मप्र के इंजीनियरिंग कॉलेजों से एनआरआई स्टूडेंट्स का मोहभंग हो गया है। इस बार एक भी एनआरआई स्टूडेंट ने प्रदेश के कॉलेजों में एडमिशन नहीं लिया है। एनआरआई काउंसलिंग में इस बार सिर्फ दो स्टूडेंट्स ने इंदौर के श्री गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (एसजीएसआईटीएस) में पंजीयन कराया है। इनमें भी सिर्फ एक ने कंप्यूटर साइंस में प्रवेश लिया था, वह भी कैंसिल करा लिया है। शिक्षाविदों का मानना है कि प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता में कमी के साथ ही एनआराई कोटे की अधिक फीस है, इसलिए दाखिले कम हो रहे हैं।

एसजीएसआईटीएस में एनआरआई कोटे की 8 सीटें हैं। एमआईटीएस ग्वालियर में भी इस कोटे की सभी सीटें खाली हैं। 4 साल पहले तक डीएविवि इंदौर, एमआईटीएस ग्वालियर, एलएनसीटी भोपाल और एसजीएसआईटीएस इंदौर में एनआरआई सीटों पर प्रवेश दिया गया था। एनआरआई कोटे में पहली बार यह स्थिति बनी है।

चार वर्षों एनआरआई स्टूडेंट्स के प्रवेश की स्थिति

सत्र            स्टूडेंट
2019-20      11
2020-21      6
2021-22      5
2022-23      1
2023-24      0

पहले इन देशों के स्टूडेंट्स ले चुके हैं दाखिला : पूर्व में एनआरआई सीटों पर नाइजीरिया, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, कुबैत, ओमान, थाइलैंड, यूएई, कतर, आबुधाबी, बहरीन, सिंगापुर और बांग्लादेश के एनआरआई विद्यार्थियों ने प्रवेश लिए हैं।

नियमों की शिथिलता से सामान्य सीटों पर प्रवेश ले रहे : विभागीय अधिकारियों का कहना है कि एनआरआई स्टूडेंट्स के लिए नियम कुछ शिथिल किए गए हैं। इसके चलते कुछ औपचारिकता के बाद एनआरआई स्टूडेंट सामान्य सीटों पर एडमिशन ले रहे हैं।

फैकल्टी की कमी से गिर रही शिक्षा की गुणवत्ता

प्रदेश के इंजीनियरिंग कॉलेजों में मान्यता के नियमों का पालन नहीं हो रहा है। फैकल्टी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी है। नियमित कक्षाएं नहीं लग रहीं। यही कारण है कि एनआरआई स्टूडेंट यहां नहीं आना चाहते हैं। -रमाकांत पाण्डेय,शिक्षाविद

एनआरआई कोटे में एडमिशन की फीस तीन हजार डॉलर है। इससे कम फीस में विदेशों में ही प्रवेश मिल जाता है। वहीं इंजीनियरिंग के प्रति रुझान भी कम हुआ है। -डॉ. वीरेन्द्र कुमार,डायरेक्टर, तकनीकी शिक्षा विभाग

(इनपुट-रामचंद्र पांडेय)

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