
हेमंत नागले, इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। फाइनेंस की गाड़ी के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंवरकुआं पुलिस ने पर्दाफाश किया है। फाइनेंस की गाड़ी खरीदने का बहाना लेकर एक किस्त ट्रक मालिक को देकर हो जाते थे फरार और फिर प्रदेश के बाहर जाकर ट्रक कटिंग कर बेच देते थे पूरा ट्रक। इस मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी एक दर्जन से अधिक ट्रक कटिंग कर चुके हैं।
क्या है मामला ?
भंवरकुआं पुलिस के मुताबिक, आरोपी पहले शहर में फाइनेंस का ट्रक खरीदते थे और फिर मालिक को एक किस्त देकर ट्रक लेकर ही फरार हो जाते थे। धोखाधड़ी करने वाले आरोपी ट्रक खरीदने का एग्रीमेंट अपने ऐसे नौकर और ड्राइवरों के नाम करवाते थे जो पहले से ही आदतन अपराधी हो और पुलिस को इन आरोपियों पर शक न जाए। आरोपी द्वारा ट्रक कटिंग किए जाने की सूचना मिलने के बाद पुलिस ने रंगे हाथों चारों आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके पास से एक ट्रक भी जब्त किया गया है।
थाना प्रभारी शशिकांत चौरसिया के अनुसार, शहर के कई ऐसे फाइनेंस करके अपना व्यवसाय चलाने वाले ट्रक संचालकों द्वारा यह शिकायत मिली थी कि कुछ बदमाश फाइनेंस के ट्रक को पहले एक या दो किस्त देकर अपने नाम ट्रांसफर करवाते हैं और ट्रक लेकर फरार हो जाते हैं। कुछ आरोपियों पर पुलिस की पहले से ही निगाह टिकी हुई थी, वहीं पुलिस को यह भी सूचना मिली थी कि इंदौर के बाहर कुछ दिनों पहले एक ट्रक कटिंग के लिए ले जाया जा रहा है। जहां पुलिस ने रंगे हाथों आरोपियों को ट्रक कटिंग से पहले ही गिरफ्तार किया है।
आरोपी ऐसे रचते थे षड्यंत्र
चारों आरोपी जावेद, राजेश, नईम और रफीक हैं। जो कि शहर में अपने गिरोह को सही तरीके से संचालित करते हैं। गिरोह के सरगना ट्रांसपोर्ट नगर और ऐसी जगह अपने गिरोह के मुखबिरों को एक्टिव रखते हैं, जहां पर या तो ट्रक रिपेयरिंग के लिए आता हो या फिर वह ट्रांसपोर्ट का सामान लोड करता हो। जहां से इन आरोपियों को यह जानकारी मिलती थी कि ट्रक पर फाइनेंस है और ट्रक संचालक या ट्रक मालिक किस्त नहीं भर पा रहा है। वहीं से गिरोह अपने पूरे षड्यंत्र को रचता था और ट्रक मालिक के पास जाकर उसे ट्रक बेचने की बात करता था। वहीं आरोपी अपने नौकर और ऐसे ड्राइवर के नाम से एग्रीमेंट बनवाते थे जो कि पहले ही आदतन अपराधी हो या फिर पकड़े जाने पर इन आरोपियों के नाम सामने आए। पूरा षड्यंत्र रचने के बाद यह वारदात को अंजाम देते थे।
आरोपियों ने पूछताछ में क्या बताया ?
पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस को बताया कि ऐसे ट्रक मालिक को वह पहले ढूंढते थे जो कि किस्त भरने में सक्षम है। उसके बाद उसे नकद एक या दो किस्त देकर ट्रक अपने नाम करवा लेते थे और ट्रक को कुछ दिन चलाने के बाद वह शहर से बाहर फरार हो जाते थे या शहर के किसी भी बाहरी क्षेत्र में जाकर उसकी कटिंग कर उसे बेच देते थे। ट्रक मालिक को जब तक इसकी जानकारी मिलती थी, तब तक बहुत देर हो जाती थी।
आरोपी नईम और जावेद पर शहर सहित अलग-अलग थाना क्षेत्रों में कई प्रकरण दर्ज हैं। जहां जावेद पर 7 और नईम पर 9 अपराध दर्ज हैं। फिलहाल, पुलिस इन आरोपियों से आगे की पूछताछ कर रही है।