
इंदौर। वैसे तो इंदौर को स्मार्ट सिटी का दर्जा मिल गया है, लेकिन इसके बावजूद भी नगर निगम इस स्मार्ट सिटी के बुलंदे बांधने में कितने पीछे हैं यह साफ तौर पर इन दृश्यों और इन कार्रवाई में साफ तौर पर दिखाई देता है। जहां तेज बारिश के चलते इंदौर शहर जलमग्न हो जाता है और सड़कें तालाबों में तब्दील होते देर नहीं लगती है। वहीं, इंदौर में तेज बारिश के चलते साउथ तोड़ा इलाके में धीरे-धीरे मिट्टी कटाव के कारण अब मकान गिरने की कगार पर है और किसी वक्त भी बड़ा हादसा हो सकता है।
निगम के अमले ने दोनों मकानों को धराशाई किया
गुरुवार को साउथ तोड़ा इलाके के नई सड़क स्थित मार्ग पर नगर निगम का अमला पहुंचा, जहां पर नगर निगम द्वारा दो ऐसे मकानों को धराशाई किया गया जो कि कभी भी जमींदोज हो सकते थे। वहीं, किसी बड़े हादसे को भी यह न्योता दे रहे थे। इससे कोई जनहानि ना हो, इस कारण से गुरुवार को निगम के अमले ने दोनों मकानों को धराशाई किया। जहां लगातार रहवासियों द्वारा यह शिकायत की जा रही थी कि बारिश के चलते मिट्टी कटाव लगातार हो रहा है और दोनों ही मकान गिर सकते हैं। जिसके बाद निगम की टीम ने यह निर्णय लिया और गुरुवार को टीम द्वारा उन्हें जमींदोज किया गया।
क्या है मामला ?
प्रवासियों द्वारा यह आरोप भी लगाया गया कि लगभग 5 वर्षों पहले नगर निगम द्वारा संजय सेतु से एक नया रास्ता निकाला गया था, जहां पर लगभग 150 परिवार बेघर हुए थे। जिन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने के बाद भी नगर निगम द्वारा की गई थी, लेकिन जहां डेढ़ सौ परिवार इस अन्याय सड़क मार्ग से हट गए। लेकिन, कुछ समय से जहां लगातार बारिश के चलते मिट्टी कटाव देखा जा रहा था। वहीं दो मकान इस कगार पर आ गए कि वह कभी भी धराशाई हो सकते हैं। निगम द्वारा गुरुवार को कार्रवाई करके उन्हें तोड़ा गया।
मुमताज का कहना था कि इतने बड़े मकान को बनाने में हमारे जीवन भर की पूंजी लग जाती है और नगर निगम ने बारिश का कारण बताकर उसे तोड़ दिया गया। लेकिन, पूरा परिवार एक साथ रहता है। इसे वापस बनाने में अब सालों लग जाएंगे।
रहवासियों ने निगम की लापरवाही का आरोप लगाया
रहवासियों ने सीधे तौर पर आरोप लगाया कि नगर निगम की लापरवाही से साउथ तोड़ा के रहवासियों को इस हादसे का शिकार होने के लिए साफ तौर पर छोड़ दिया गया है। रहवासियों ने साफ तौर पर कहा कि नगर निगम यदि सही समय पर ध्यान देती तो यह मिट्टी कटाव नहीं होता और यहां कोई बड़ा हादसा नहीं होता। लेकिन, चुनिंदा मकानों को तोड़ कर नगर निगम केवल अपनी पीठ थप-थपा रहा है और हादसे के लिए रहवासियों को छोड़ दिया गया है।
मोहम्मद खालिद ने बताया कि यह भी आरोप था कि यह चौथी बारिश है और इसके बावजूद भी नगर निगम ने अब तक किसी प्रकार का कोई ध्यान इस ओर नहीं दिया है। वहीं मोहम्मद खालिद ने यह भी बताया कि यह मकान इस तरह से जर्जर नहीं हुए हैं। यह नगर निगम की लापरवाही से ही इस तरह से मिट्टी कटाव के बाद कभी भी धराशाई हो सकते हैं। अगर नगर निगम पहले ध्यान देता तो यह मिट्टी कटाव ना होता और ना ही किसी मकान को तोड़ने की आवश्यकता होती। पहले ही 150 परिवार बेघर हो चुके हैं और गुरुवार को जो मकान तोड़ा जा रहा है, उसमें अट्ठारह रहवासी निवास करते हैं।
#इंदौर_ब्रेकिंग : साउथ तोड़ा इलाके में मकान जमींदोज करने पहुंची पोकलेन मशीन के ऊपर गिर गया मलबा, ड्राइवर ने कूदकर बचाई जान, संजय सेतु के नजदीक नई सड़क पर तेज बारिश के कारण धंसने लगे थे मकान, शिकायत के बाद निगम ने 2 मकानों को गिराया, देखें #VIDEO @advpushyamitra @SwachhIndore… pic.twitter.com/j58Lwdu1IK
— Peoples Samachar (@psamachar1) July 20, 2023
प्रवासियों ने एक 12 वर्षीय बालक को दिखाते हुए कहा कि कुछ दिन पहले नगर निगम के खुले चेंबर के कारण एक बच्चा घायल हो गया था। इलाके की जो जमीन है, वहां पर पूरी तरह से लोहे के सरिया निकले हुए हैं। लेकिन, उसके बावजूद भी नगर निगम किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है और हादसों को न्योता देते हुए भी अब किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है।
(इनपुट – हेमंत नागले)
ये भी पढ़ें- MP में प्रशासनिक सर्जरी का दौर जारी, चुनाव से पहले हुए 25 IAS और 42 SAS अफसरों के तबादले, देखें लिस्ट