देशभर में कोरोना महामारी के मामलों में कमी आने के बाद सरकार ने अब सामान्य ट्रेन सेवा को पूरी तरह बहाल करने का एलान किया है। कोविड-19 को देखते हुए रेगुलर मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों को स्पेशल ट्रेनों के तौर पर चलाया जा रहा था। लेकिन अब इन ट्रेनों का फिर से सामान्य परिचालन बहाल करने का फैसला किया गया है। इससे इन ट्रेनों में वसूला जा रहा स्पेशल चार्ज घट जाएगा, जिससे किराये में करीब 30 फीसदी तक कमी आएगी। यह नियम सभी मेल, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेन में लागू करने का निर्णय रेल मंत्रालय ने लिया है। हालांकि आरक्षित टिकट के लिए सॉफ्टवेयर में बदलाव करने में कुछ वक्त लग सकता है।
ट्रेन में नहीं मिलेगी कैटरिंग की व्यवस्था
रेल मंत्रालय के मुताबिक कोरोना महामारी को देखते हुए जिन ट्रेनों को कोविड स्पेशल, एक्सप्रेस स्पेशल या हॉलिडे स्पेशल के रूप में चलाया जा रहा था। उनकी सेवा अब रेग्युलर ट्रेनों जैसी होगी। लेकिन कोविड प्रोटोकॉल को जारी रखा जाएगा। इस वजह से अनारक्षित कोच में टिकट की बुकिंग करा कर ही यात्रा करने की अनुमति होगी। कोविड प्रोटोकॉल की वजह से फिलहाल यात्रा के दौरान ट्रेन में कैटरिंग की व्यवस्था नहीं शुरू की जाएगी। चादर व कंबल भी यात्रियों को रेलवे की तरफ से नहीं दिया जाएगा।
All the regular time tabled trains which are presently operating as MSPC ( Mail/Express Spl) and HSP (Holiday Spl) train services, including in the working Time Table 2021, shall be operated with regular numbers and with fare and categorisation as applicable: Ministry of Railways pic.twitter.com/UwgL6j1w3E
— ANI (@ANI) November 12, 2021
स्पेशल ट्रेनों की जगह चलेंगी रेगुलर ट्रेनें
मेल/एक्सप्रेस स्पेशल और हॉलिडे स्पेशल ट्रेनों की सेवा अब पहले की तरह सामान्य ट्रेनों जैसी होगी। ये ट्रेनें अपने पुराने रेग्युलर नंबर और टाइमिंग के साथ पटरियों पर दौड़ेंगी। इसके साथ ही स्पेशल किराए की जगह फिर से पुराना सामान्य किराया लागू होगा। मंत्रालय के इस आदेश के बाद पिछले डेढ़ साल से बंद पड़ी करीब 1700 सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनें फिर से संचालन में आ जाएंगी।
रेलवे न पैसे चार्ज करेगा, न रिफंड करेगा
रेलवे के मुताबिक, पहले से ही बुक किए गए टिकट पर न तो रेलवे किसी तरह के पैसे चार्ज करेगा और न ही रेलवे किसी तरह का रिफंड देगा। ऐसे यात्री अपने पूर्व टिकट के आधार पर ही ट्रेन में सफर कर सकेंगे। सीआरआईएस से इस संबंध में जरूरी बदलाव करने को कहा गया है।