
नई दिल्ली। भारत तेजी से दुनिया की कैंसर राजधानी बनने की तरफ बढ़ रहा है। 2020 में कैंसर के 13.9 लाख मामले देश में थे, जो 2025 तक 13% बढ़कर 15.7 लाख पहुंच जाएंगे। यह खुलासा अपोलो हॉस्पिटल्स ने अपने हालिया रिपोर्ट ‘हेल्थ ऑफ द नेशन’ में किया है। रिपोर्ट के अनुसार, अब कैंसर अपेक्षाकृत युवा आबादी में फैलता जा रहा है। मतलब तमाम तरह के कैंसर के रोगियों की औसत उम्र कम हो रही है। अमेरिका और ब्रिटेन समेत बाकी दुनिया की तुलना में भारत में कैंसर के मामलों की कम उम्र के लोगों में ग्रोथ ज्यादा है। ऊपर से ये स्थिति तब है, जब भारत में स्क्रीनिंग दूसरे देशों के मुकाबले बेहद ही कम है।
युवा आबादी में पैर पसार रही है बीमारी
भारत में ब्रेस्ट कैंसर के रोगियों की औसत उम्र कम होकर 52 साल हो गई है। जबकि अमेरिका-ब्रिटेन में 63-63 साल और चीन में 50 साल है। सर्वाइकल कैंसर के रोगियों की औसत उम्र देश में 54 साल हो चुकी है। चीन में ये 60 साल और अमेरिका व ब्रिटेन में 50-50 साल है। फेफड़ों के कैंसर के रोगियों की औसत उम्र कम होकर 59 साल हो गई है, जबकि ब्रिटेन में औसत उम्र 75, अमेरिका में 70 साल और चीन में 68 साल है।
ब्रेस्ट कैंसर के ज्यादा मामले
रिपोर्ट के मुताबिक, देश में ब्रेस्ट कैंसर के मामले सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद महिलाओं में सर्विक्स और ओवरी कैंसर के मामले ज्यादा हैं। वहीं पुरुषों में फेफड़ों का कैंसर सबसे ज्यादा होता है। इसके बाद मुंह का कैंसर है।
बेहद कम है स्क्रीनिंग
दूसरे देशों की तुलना में भारत में कैंसर स्क्रीनिंग बेहद कम है। ब्रेस्ट कैंसर के लिए भारत में सिर्फ 1.9% आबादी की स्क्रीनिंग हुई है। अमेरिका में 74- 82% और ब्रिटेन में 21-24% आबादी की स्क्रीनिंग हो चुकी है।
मध्यप्रदेश में कैंसर मरीज 2022 में संख्या
- महिला: 45200
- पुरुष : 43097
भोपाल में मरीजों की संख्या
- महिलाएं : 110.1 मरीज प्रति एक लाख पर
- पुरुष : 106.7 मरीज प्रति एक लाख पर
- बच्चे : 9.4 मरीज प्रति एक लाख पर
- ब्रेस्ट कैंसर में भोपाल देश में 8 वे नंबर पर
- सर्विक्स कैंसर में 15वें स्थान पर
- मुंह के कैंसर में दूसरे नंबर पर
- जीभ के कैंसर में देश में 7वें नंबर पर स्रोत : मप्र कैंसर रजिस्ट्री