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भारत ने पाकिस्तान को भेजा न्योता: PM मोदी को ‘गुजरात का कसाई’ कहने वाले बिलावल भुट्टो SCO समिट के लिए बुलाया

भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो को SCO समिट में शामिल होने का निमंत्रण भेजा है। ये बैठक मई के पहले सप्ताह में गोवा में होने वाली है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर की ओर से इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के माध्यम से पाकिस्तानी विदेश मंत्री को बैठक के लिए न्योता भेजा है। इसके अलावा चीन से चल रहे सीमा विवाद के बीच भारत ने चीन के विदेश मंत्री चिन गांग को भी इंविटेशन दिया गया है।

12 साल बाद भारत आएंगे पाक विदेश मंत्री

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बीते दिनों कहा कि उनके देश ने “तीन युद्धों से अपना सबक सीखा है” और “भारत के साथ शांति से रहना चाहता है।” मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोवा में इस बैठक का आयोजन 4 और 5 मई को हो सकता है। अगर पाकिस्तान ने भारत का ये न्योता स्वीकार किया तो यह लगभग 12 वर्षों में इस तरह की पहली यात्रा होगी। हिना रब्बानी खार भारत आने वाली अंतिम पाकिस्तानी विदेश मंत्री थीं, जो जुलाई 2011 में भारत आईं थीं।

भारत ने पाकिस्तान को क्यों बुलाया?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अधिकारी ने कहा, “अपनी ‘नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी’ को ध्यान में रखते हुए भारत पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है। भारत की सतत स्थिति यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई भी मुद्दा हो तो उसे आतंकवाद और हिंसा से मुक्त वातावरण में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से सुलझाया जाना चाहिए। ऐसा अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।”

भुट्टो ने पीएम मोदी को कहा था कसाई

पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा था। बिलावल भुट्टो ने न्यूयॉर्क में अपनी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा था कि, ओसामा बिन लादेन मर गया है, लेकिन गुजरात का कसाई नरेंद्र मोदी अभी तक जीवित है।

भारत कर रहा SCO बैठक की अध्यक्षता

  • वर्तमान में SCO बैठक की अध्यक्षता भारत कर रहा है।
  • SCO के अध्यक्ष के रूप में, भारत कई कार्यक्रमों की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जिसमें सदस्य राज्यों के मुख्य न्यायाधीशों का एक सम्मेलन, विदेश मंत्रियों की बैठक और 2023 में एक शिखर सम्मेलन शामिल हैं।
  • SCO एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं।
  • शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) का गठन 2001 में हुआ था। शुरुआत में SCO में छह सदस्य- रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान थे।
  • 2017 में भारत और पाकिस्तान के भी इससे जुड़ने से इसके स्थाई सदस्यों की संख्या 8 हो गई।
  • 6 देश- आर्मीनिया, कंबोडिया, नेपाल, अजरबैजान, श्रीलंका और टर्की SCO के डायलॉग पार्टनर हैं।
  • 4 देश- अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया इसके ऑब्जर्वर सदस्य हैं।
  • एससीओ में चीन और रूस के बाद भारत सबसे बड़ा देश है।
  • SCO भारत के लिए एक ऐसा मंच है। जहां वो क्षेत्रीय मुद्दों पर चीन और पाकिस्तान के साथ रचनात्मक चर्चा में शामिल हो सकता है और अपने सुरक्षा हितों को उनके समक्ष रख सकता है।

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