
टेक्सास। फोर्ट बेंड काउंटी के भारतीय मूल के जज केपी जॉर्ज को शुक्रवार को दो गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तार किया गया। उन पर वायर फ्रॉड, अभियान वित्तीय रिपोर्ट में गड़बड़ी और 30,000 डॉलर से 150,000 डॉलर के बीच मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है। हालांकि जॉर्ज ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार किया है।
गिरफ्तारी के बाद उन्हें काउंटी जेल ले जाया गया, जहां से वे 20,000 डॉलर की जमानत पर रिहा हो गए।
क्या हैं आरोप
जांच एजेंसियों के मुताबिक, केपी जॉर्ज पर आरोप है कि उन्होंने चुनावी अभियान के दौरान फंडिंग रिपोर्ट में हेरफेर की और इस प्रक्रिया में अवैध रूप से बड़ी धनराशि का उपयोग किया। उन पर वायर फ्रॉड के तहत गलत जानकारियां भेजने और धन के स्रोत को छुपाने का आरोप है। यह मनी लॉन्ड्रिंग की श्रेणी में आता है। हालांकि, जॉर्ज ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि वे राजनीति से प्रेरित हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे न्याय प्रणाली पर पूरा विश्वास है और मैं अपनी बेगुनाही का पूरी ताकत से बचाव करूंगा।”
2018 से हैं पद पर, पहले भी लगे आरोप
केपी जॉर्ज 2018 से फोर्ट बेंड काउंटी के जज हैं। उन पर 2023 में भी एक अलग मामले में आरोप लगे थे, जिसमें दावा किया गया था कि उन्होंने अपने पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ तरल पटेल के साथ मिलकर फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट्स बनाए और 2022 के चुनाव के दौरान अपने ही अभियान के खिलाफ नस्लीय हमलों की साजिश रची। हालांकि डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि ताजा मामले का 2023 के आरोपों से कोई लेना-देना नहीं है।
डीए कार्यालय ने एक आधिकारिक बयान में कहा, “हम सार्वजनिक विश्वास और नैतिकता के प्रति प्रतिबद्ध हैं। कानून के सामने सभी एक समान हैं, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों।”
वहीं, जॉर्ज ने डीए कार्यालय पर भी गलत तरीके से पेश आने का आरोप लगाया और कहा कि उनके साथ न्याय नहीं किया जा रहा।