
ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के एक गांव से हृदयविदारक घटना सामने आई है, जहां छेड़छाड़ और मानसिक प्रताड़ना से परेशान एक युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। युवती के परिजनों ने स्थानीय पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर समय रहते कार्रवाई की जाती, तो उनकी बेटी आज जिंदा होती।
6 महीने से युवक कर रहा था परेशान, पुलिस ने नहीं की कार्रवाई
परिजनों के अनुसार, गांव का एक युवक पिछले 6 महीनों से युवती को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा था। वह अक्सर रास्ता रोकता, फब्तियां कसता और उसे बदनाम करने की धमकी देता था। परेशान होकर परिजनों ने 15 दिन पहले थाने में इसकी शिकायत की थी।
लेकिन पुलिस ने इस गंभीर मामले को हल्के में लेते हुए न तो कोई FIR दर्ज की, और न ही आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाया। उल्टा समझौते की सलाह देकर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की गई। परिजन कहते हैं – “हमने कई बार थाने के चक्कर लगाए, लेकिन हर बार टाल दिया गया।”
फंदे पर झूलती मिली बेटी
शनिवार रात युवती अपने कमरे में सोने गई, लेकिनरविवार सुबह जब वह दरवाजा नहीं खोल रही थी तो परिजनों ने दरवाजा तोड़ा। अंदर का मंजर देखकर सबके होश उड़ गए। बेटी फंदे से लटकी थी। आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
‘अगर पुलिस सुन लेती, तो शायद मेरी बेटी आज जिंदा होती…’
इस हृदयविदारक दृश्य ने पूरे परिवार को झकझोर दिया। मां का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि पिता का कहना है- “अगर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाया होता, तो शायद हमारी बेटी यह कदम नहीं उठाती।”
बिलखते हुए मृतका की मां ने कहा, “हमने थाने में जाकर बताया था कि वो लड़का मेरी बेटी को बहुत परेशान करता है। पर पुलिसवालों ने कहा- तुम आपस में सुलझा लो। अब बताइए, मेरी बेटी तो सुलझ गई… हमेशा के लिए।”
अब पुलिस कर रही जांच, लेकिन सवाल कायम
घटना के बाद पुलिस ने युवती के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के कारणों की विस्तृत जांच की जा रही है और आरोपी युवक से पूछताछ की जाएगी।
हालांकि अब सवाल यह उठता है कि जब पीड़ित परिवार ने पहले ही शिकायत दर्ज करवाई थी, तो उसे गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया? क्या एक बेटी की मौत के बाद ही पुलिस सक्रिय होती है?