MP : ताज बरकरार, टाइगर और चीता के बाद तेंदुआ स्टेट का भी फिर से मिला दर्जा
भोपाल। मध्य प्रदेश एक बार फिर तेंदुआ स्टेट बना है। प्रदेश ने टाइगर स्टेट के साथ ही तेंदुआ स्टेट का तमगा भी बरकरार रखा है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) और भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) ने गुरुवार को तेंदुए की स्थिति की रिपोर्ट जारी की है। प्रदेश में तेंदुओं की संख्या बढ़कर 3907 हो गई है। इससे पहले प्रदेश में 2018 में भी देश में सबसे ज्यादा 3421 तेंदुए थे, चार साल में 486 तेंदुए बढ़े हैं। जबकि, देश में 13874 तेंदुए पाए गए हैं। लिस्ट में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में तेंदुओं की संख्या 1690 से बढ़कर 1985 हो गई है। जबकि कर्नाटक में मात्र 93 तेंदुआ की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। कर्नाटक में 1879 तेंदुआ पाए गए हैं।
राज्यों में तेंदुओं की संख्या 2022[/caption]

4 साल में होती है वन्य प्राणियों की गिनती
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने आज आंकड़ों को जारी किया। इन आंकड़ों में मध्य प्रदेश में तेंदुओं की जनसंख्या तेजी से बढ़ी है। वन्य प्राणियों की गणना राष्ट्रीय स्तर पर हर चार साल में होती है। तेंदुए की सबसे ज्यादा आबादी आंध्र प्रदेश के श्रीशैलम में नागार्जुन सागर और इसके बाद मध्य प्रदेश में पन्ना और सतपुड़ा में हैं।लाखों किमी पैदल चले, करोड़ों फोटो खीचीं
देशभर में तेंदुओं की संख्या का पता लगाने 6,41,449 किमी तक पैदल सर्वेक्षण किया गया। इस दौरान कैमरे से कुल 4 करोड़ 70 लाख 81 हजार 881 फोटो खीचीं गई। इनका अध्ययन करने पर तेंदुए की 85,488 तस्वीरें प्राप्त हुईं। जिसके आधार पर निष्कर्ष निकाले गए। [caption id="attachment_108730" align="aligncenter" width="526"]