
उज्जैन। होली के बाद रंगपंचमी का पर्व पूरे मध्य प्रदेश में उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी रविवार को रंगपंचमी मनाई गई। आज 4 बजे भस्म आरती के दौरान टेसू के फूलों से बनाए गए प्राकृतिक रंग से होली खेली। महाकाल को प्रथम रंग अर्पित हुआ। इसके बाद पंडे, पुजारियों और श्रद्धालुओं ने रंग खेला। शाम को 6:30 बजे 51 ध्वज के साथ श्री महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह निकाला जाएगा।
5 क्विंटल टेसू के फूलों से बना रंग
रंगपंचमी के लिए करीब 5 क्विंटल टेसू के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार किया गया था। करीब 400 लीटर रंग को ठंडा होने के बाद आइस कंटेनर में सुरक्षित रखा गया। इसी रंग से भगवान महाकाल के दरबार में होली खेली गई। भस्म आरती में मौजूद भक्तों को भी रंग से सराबोर किया गया।
#उज्जैन : #महाकालेश्वर मंदिर में रंगपंचमी मनाई। बाबा #महाकाल को प्रथम रंग अर्पित किया, इसके बाद पंडे, पुजारियों और श्रद्धालुओं ने रंग-गुलाल खेला। #रंगपंचमी के लिए टेसू के फूलों से रंग बनाया गया। #RangPanchami #mahakal #peoplesupdate pic.twitter.com/b1RfRMrT9v
— Peoples Samachar (@psamachar1) March 12, 2023
महाकाल ने भक्तों के साथ खेली होली
पुजारी दिलीप गुरु ने बताया कि रंगपंचमी एकमात्र ऐसा दिन है, जिसमें आरती के दौरान ज्योतिर्लिंग पर सतत रंगधारा अर्पित की जाती है। भस्म आरती के बाद पुजारियों ने भक्तों के साथ होली खेली। शाम को श्री महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह के रूप में मंदिर की भव्य गेर निकाली जाती है। गेर में राजभवन से आया ध्वज, मंदिर का प्रतीक चांदी का ध्वज तथा 51 अन्य ध्वज निशान शामिल रहेंगे।