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IIT में पढ़ने का सपना पूरा किया, डिस्ट्रक्शन से बचने के लिए मोबाइल से बनाए रखी दूरी

जेईई एडवांस का रिजल्ट जारी, आदित्य राज कौशल 412वीं रैंक के साथ बने सिटी टॉपर

मोबाइल के बिना कुछ घंटे भी न बीता पाने वाले बच्चों के लिए यह जानना जरूरी है कि जीवन में कुछ बड़ा हासिल करना है तो कुछ त्याग करना होगा। रविवार को जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) एडवांस का रिजल्ट जारी किया गया। टॉपर्स से बात करने पर उन्होंने बताया कि अभी तक उनके पास खुद का मोबाइल फोन तक नहीं था। मोबाइल न रखने का निर्णय भी खुद उन्हीं का था, क्योंकि यह पढ़ाई में व्यवधान का कारण बनता है। टॉपर्स ने कहा कि अपनी जरूरत के काम पैरेंट्स के मोबाइल से ही कर लिया करते थे। यह स्टूडेंट्स अब देश के प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) में पढ़ाई करेंगे। ज्यादातर स्टूडेंट्स कंप्यूटर साइंस ब्रांच से इंजीनियरिंग करना चाहते हैं और अब काउंसलिंग के बाद तय होगा कि उन्हें कौन से आईआईटी में एडमिशन मिलेगा।

आईआईटी रुड़की या गुवाहाटी में मिल सकता है पढ़ने का मौका

कोचिंग में तैयारी करते समय डाउट आने से पहले ही टीचर मुझे उनके बारे में समझा देते थे, क्योंकि उन्हें अंदाजा हो जाता था कि मुझे कहां कठिनाई आएगी। वहीं जो चैप्टर कठिन थे उनको छोड़कर जो चैप्टर मुझे समझ आते थे उनमें ही अधिक मेहनत की। मेरे पिता अजय कौशल इंजीनियर और मां आरती कौशल गीतांजलि कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। मैं सीएस ब्रांच में पढ़ाई करना चाहता हूं, मुझे लगता है कि आईआईटी रुड़की या गुवाहटी मिल सकता है। पढ़ाई के दौरान स्ट्रेस होने पर फुटबॉल खेलकर तनाव को दूर किया। मैं मोबाइल अपने पास नहीं रखता था, पैरेंट्स के मोबाइल से ही दोस्तों से संपर्क कर लेता था। वहीं मैंने कभी पढ़ाई को लेकर तनाव नहीं लिया। -आदित्य राज कौशल 412 एआईआर रैंक

कुछ दिन पहले ही खरीदा मोबाइल

मैं सुबह 4 बजे उठकर सुबह 8 बजे तक पढ़ाई करता था और उसके बाद क्लास चला जाता था। मैं हमेशा पिछली बार हुई गलतियों से सीख लेता था और उन पर काम करता था। 10वीं तक तो बेसिक ही पढ़ा था, लेकिन 11वीं से सीरियस होकर पढ़ाई शुरू कर दी। जेईई की तैयारी में आपको कुछ भी छोड़ना नहीं है। अगर पेपर बुरा गया तो भी उसके बारे में सोचना है। शुरू से ही मेरे मार्क्स कम आते थे तो लगता था कि ज्यादा मार्क्स आने चाहिए थे, लेकिन कॉन्फिडेंस कम नहीं होने दिया, लगातार मेहनत करता रहा। मुझे आईआईटी रुड़की मिलने की संभावना है। मेरे पास अभी तक मोबाइल नहीं था, कुछ दिन पहले ही मोबाइल खरीदा है। -केशव गर्ग 417 एआईआर रैंक

इंस्टा पर गया लेकिन एक्टिव नहीं रहा

एग्जाम की तैयारी के लिए मैंने रेगुलर क्लास अटैंड की और मॉक पेपर के क्वेश्चन सॉल्व किए। इसके अलावा पिछले साल के क्वेश्चन पेपर्स को भी सॉल्व किया। मेरे पिता शिशिर वाजपेयी प्राइवेट जॉब करते हैं और मां हाउसवाइफ हैं। अभी संस्थान को लेकर मैंने कुछ सोचा नहीं है। काउंसलिंग में पता चलेगा कि कौन सा आईआईटी मिलता है। मेरे भाई ने भी आईआईटी का एग्जाम दिया, लेकिन उन्हें मैकेनिकल ब्रांच मिली थी तो उन्हें आईआईटी में एडमिशन नहीं लिया। मेरे पास भी मोबाइल नहीं है। मैंने एक बार मां के नंबर से इंस्टा आईडी बनाई थी लेकिन कभी चलाया नहीं क्योंकि इसमें समय बेकार जाता है। -शिवेन वाजपेयी 766 एआईआर रैंक

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