
मंगलवार को भारत भवन के 42वें वर्षगांठ समारोह का शुभारंभ हुआ। समारोह के पहले दिन नृत्य-संगीत की दो सभाएं हुईं। समारोह का आगाज वरिष्ठ नृत्यांगना बिंदु जुनेजा द्वारा निर्देशित ओडिसी नृत्य की प्रस्तुति से हुआ। अहमदाबाद की वरिष्ठ कोरियोग्राफर पद्मभूषण कुमुदिनी लाखिया द्वारा परिकल्पित और निर्देशित कथक नृत्य नाटिका अत: किम् की प्रस्तुति हुई। समारोह का शुभारंभ संस्कृति मंत्री धर्मेंद्र लोधी ने किया। इस अवसर पर संस्कृति संचालक एनपी नामदेव, भारत भवन न्यासी राजीव वर्मा सहित बड़ी संख्या में कला प्रेमी उपस्थित हुए। संस्कृति मंत्री लोधी ने कहा हमने तय किया है आने वाले समय में भारत भवन को नया स्वरूप देने का कार्य करेंगे।
श्रोताओं को थी लाइव म्यूजिक की उम्मीद
कथक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति कदम्ब सेंटर फॉर डांस के कलाकारों ने दी। रूपांशी कश्यप के संयोजन में हुई इस प्रस्तुति में 7 नृत्यांगनाओं ने कुमुदिनी लाखिया की 6 अलग-अलग कथक रचनाओं को प्रस्तुत किया। यह रचना 80 के दशक में तैयार की गई, जिसकी विशेषता है कि इसमें कथक को एब्सट्रैक्ट फॉर्म में प्रदर्शित किया गया। कला समीक्षक सुनील शुक्ल ने कहा कि भारत भवन की प्रस्तुतियों में लाइव म्यूजिक की अपेक्षा रहती है, लेकिन इस बार रिकॉर्डेड म्यूजिक था।
60 से अधिक शिल्पों ने किया दर्शकों को प्रभावित
वरिष्ठ शिल्पकार भगवान रामपुरे ने शिल्प कला का अद्भुत प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में 60 से अधिक आर्ट वर्क प्रदर्शित हैं। इनमें भगवान गणेश, राधा- कृष्ण, रॉयल बुद्ध की सीरीज सहित गुलजार और ओशो के आर्ट प्रदर्शित है। ओंकारेश्वर में तैयार गुरु आदि शंकराचार्य की 108 फीट की प्रतिमा की प्रतिकृति प्रदर्शित की गई जो कलाप्रेमियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी।
समारोह में आज खास
14 फरवरी को तीन संगीत की सभाएं होंगी। शाम 6.20 बजे रोशन और कंचन का मुसाधा गायन, शाम 7 बजे गौतम काले का गायन होगा। वहीं, शाम 7.40 बजे बेगम परवीन सुल्ताना की प्रस्तुति होगी।