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फिल्मों में एमपी के पर्यटन, धरोहरों और कलाकारों को रोजगार देने पर फोकस

मप्र की फिल्म और पर्यटन नीति-2025 के लिए ड्राफ्ट तैयार

अशोक गौतम-भोपाल। चार वर्ष बाद मप्र सरकार एक बार फिर नए सिरे से फिल्म और पर्यटन नीति बना रही है। इसके लिए ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। नीति में कुशाभाऊ ठाकरे, तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, रानी अवंतीबाई, टंट्या भील सहित मप्र की अन्य हस्तियों, संस्कृति और धरोहरों पर आधारित फिल्म और वेब सीरीज बनाने व स्थानों के फिल्मांकन को बढ़ावा दिया जाएगा।

इसमें स्थानीय रंगकर्मी, कलाकार, लोकगीत और युवाओं को रोजगार देने पर फोकस किया गया है। इसके लिए सरकार डेढ़ से दो करोड़ रुपए तक का अनुदान देने पर विचार करेगी। फिल्म निर्माताओं को यहां शूटिंग करने और तमाम तरह की अनुमति लेने के संबंध में किसी प्रकार की समस्या न हो इसके लिए फिल्म फेसेलिटेशन सेल का भी गठन किया जाएगा।

नन्हे जैसलमैर, ब्यू अम्बे्रला जैसी फिल्मों को प्रमोशन

बाल कलाकार वाली फिल्मों को प्रोत्साहित किया जाएगा। नन्हे जैसलमैर, ब्यू अम्ब्रेला, थैंक्यू मां जैसी बच्चों पर आधारित फिल्म निर्माण को भी सरकार प्रमोट करेगी। इसके लिए विशेष अनुदान के साथ तमाम सुविधाएं फिल्म निर्माता कंपनियों को प्रदान किया जाएगा। इस तरह की फिल्मों के जरिए बच्चों को मोटीवेट किया जाएगा। फिल्म मेकिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।

महिला सशक्तिकरण पर विशेष पैकेज

महिला सशक्तिकरण, सकारात्मक छवि दिखाने और फिल्मकारों में स्थानीय महिलाओं को प्राथमिकता देने पर फिल्म निर्माताओं को विशेष पैकेज दिया जाएगा। इस पैकेज में अन्य अनुदान के साथ 25 लाख रुपए की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

मप्र में करनी होगी फिल्म की 75 प्रतिशत शूटिंग

  • फिल्म निर्माताओं को अनुदान के लिए मप्र में 75%शूटिंग करनी होगी।
  • यहां की पहली फिल्म बनाने में करीब डेढ़ करोड़ रुपए अनुदान दिया जाएगा।
  • दूसरी फिल्म बनाने में एक करोड़ 75 लाख और तीसरी फिल्म में दो करोड़ तक अनुदान मिलेगा।
  • सिंगल स्क्रीन सिनेमा हालों में निवेश का 25 फीसदी अनुदान दिया जाएगा।
  • शूटिंग के दौरान रुकने, भोजन सहित पर्यटन निगम के द्वारा अन्य सुविधाओं में 40%तक छूट का प्रावधान किया गया है।

पर्यटन को बढ़ावा

फिल्म में पर्यटन को बढ़ावा देने पर अनुदान दिया जाएगा। फिल्म में प्रदेश के नेशनल पार्कों , ऐतिहासिक, धार्मिक, वॉटर और इको टूरिज्म का फिल्मांकन करने पर 50 लाख रुपए तक अतिरिक्त अनुदान देने का प्रस्ताव है। स्थानीय खान-पान रहन-सहन, बोली-भाषा फिल्म में समायोजित करने पर विशेष सहायता दी जाएगी।

स्थानीय भाषाई फिल्मों को प्रोत्साहन का अनुदान

बुंदेलखंडी, बघेलखंडी, मालवी, निमाड़ी सहित अन्य स्थानीय भाषाई, बोली में फिल्म को भी अब सरकार प्रोत्साहन देगी। इस तरह की फीचर फिल्म को पात्रता के अनुसार दस प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान की व्यवस्था की गई है।

प्रदेश की फिल्म और पर्यटन नीति-2025 बनकर तैयार हो गई है। प्रदेश सरकार के सुझावों और अनुमति के बाद ही नीति को अंतिम रूप दिया जा सकेगा। -शिव शेखर शुक्ला, प्रमुख सचिव, पर्यटन एवं संस्कृति

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