संसद में बिल पेश होने से दो दिन पहले किसानों ने बड़ा फैसला लिया है। किसानों ने संसद तक प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने का फैसला लिया है। मोदी मोदी सरकार की ओर से कृषि कानून वापसी और किसानों की अन्य मांगों पर चिंतन करने के फैसले के बाद भी किसान संगठन अभी भी नरम नही हुए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के ऐलान किया है कि 29 नवंर को संसद में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली नहीं की जाएगी, लेकिन बिना एमएसपी के हम पीछे नहीं हटेंगे। चार दिंसबर को फिर किसान बैठक करेंगे।
#WATCH | In today's meeting of SKM, we have decided to continue to protest until Govt holds talks with us over MSP, the death of farmers during the protest, & the Lakhimpur violence matter. We do not agree with Govt's announcements today: BKU leader Rajveer Singh Jadaun in Delhi pic.twitter.com/8VKE4Iaojd
— ANI (@ANI) November 27, 2021
फैसला नहीं होने पर बनाएंगे आगे की रणनीति
शनिवार को दिल्ली में मीडिया कर्मियों से बात करते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि किसानों ने बैठक के बाद ये फैसला लिया है कि संयुक्त किसान मोर्चा 29 नवंबर को संसद में प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली नहीं करेगा। हालांकि, किसानों ने चेतावनी दी, ‘बगैर एमएसपी के मोर्चा वापस नहीं जाएगा। इसके अलावा किसान शहीद हुए हैं, लखीमपुर खीरी मामले में किसान जेल भेजे जा रहे हैं। आज जो सरकार ने घोषणाएं की हम उससे सहमत नहीं है। सरकार हमारे साथ मंच साझा कर मामले पर वार्ता करे। लेकिन अगर 4 दिसंबर तक कोई फैसला नहीं हुआ तो हम आगे की रणनीति तय करेंगे।
तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने की घोषणा के बाद मैं समझता हूं कि अब आंदोलन का कोई औचित्य नहीं बनता है, इसलिए मैं किसानों और किसान संगठनों से निवेदन करता हूं कि वे अपना आंदोलन समाप्त कर, अपने-अपने घर लौटें: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर pic.twitter.com/GRNmxslQV6
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 27, 2021
कृषि मंत्री तोमर किसानों से घर लौटने की अपील की
इससे पहले कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक बार फिर किसानों से अपील की है कि वह घर लौट जाएं। तोमर ने कहा है कि सरकार संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कृषि कानूनों की वापसी के लिए विधेयक पेश करेगी। इसके अलावा एमएसपी पर किए वादे को भी पूरा किया जा रहा है तो पराली पर भी किसानों की बात मान ली गई है। ऐसे में प्रदर्शन का कोई औचित्य नहीं है।