भोपालमध्य प्रदेश

परीक्षा सिर पर और बिजली गुल, कोई मोमबत्ती तो कोई मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पढ़ने को है विवश

संतोष चौधरी भोपाल। शाहजहांनाबाद इलाके में मिलिट्री गेट के पास मजदूर नगर में रहने वाले जोहेब खान और मनतशा की तरह आफरीन, माहिया और माहिरा सहित कई बच्चे 9 वीं से लेकर 12 वीं तक के स्टूडेंट हैं। ये अपने भविष्य को लेकर चिंतित है। वजह-परीक्षा सिर पर है और बिजली सप्लाई बंद होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इसी तरह की स्थिति से नवाब कॉलोनी, जनता क्वार्टर ऐशबाग और चमारपुरा में रहने वाले स्टूडेंट्स गुजर रहे हैं। ये वे बच्चे हैं, जिनके अभिभावकों का दावा है कि वे नियमित बिलों का भुगतान कर रहे हैं। इन चारों कॉलोनियों के कुछ अभिभावकों ने बिजली दफ्तर पहुंचकर बच्चों के एग्जाम का हवाला देकर सप्लाई शुरू करने की गुहार लगाई, लेकिन अफसर अड़े हुए हैं। उनका कहना है कि इन कॉलोनियों में करीब 30 लाख रुपए बिजली बिल बकाया है, जब तक ये बकाये का 40 फीसदी राशि नहीं चुकाते हैं, तब तक ट्रांसफॉर्मर नहीं लगाया जाएगा। विद्युत कंपनी ने बकाया और बिजली चोरी के कारण इन चारों इलाकों से ट्रांसफॉर्मर निकाल दिए हैं। मजदूर नगर और नवाब कॉलोनी में सात दिन एवं जनता क्वार्टर और चमारपुरा में पांच दिन से अंधेरा छाया हुआ है।

आधा दर्जन परिवारों ने किया पलायन

मजदूर नगर में लगभग आधा दर्जन मकानों पर ताले लटके हैं। यहां के लोगों से इसे बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि सुल्ताना दो बच्चों के साथ यहां रहती है, लेकिन बिजली गुल होने के कारण पांच दिन से घर में ताला लगाकर किसी रिश्तेदार के घर चली गई है। बिजली नहीं होने के कारण अंसार ने भी पत्नी और दोनों बच्चों को ससुराल भेज दिया है। अन्य पांच घरों में ताले लगे होने के बारे में पड़ोसियों ने बताया कि पांच दिन से ये लोग भी कहीं चले गए हैं। इसका कारण बिजली सप्लाई को बताते हैं।

25 मकानों में जारी है सप्लाई

मजदूर नगर में नाले के बाजू वाली गली में प्रवेश करते ही करीब 20 से 25 मकानों में दिन में लाइट जलती दिखी। एक स्थानीय निवासी का कहना है कि सोमवार को बिजली कर्मचारी आए थे, उन्होंने 20 से 25 मकानों की बिजली सप्लाई दूसरे खंबे से शुरू कर दी है। इनमें वे लोग भी शामिल है, जिनके घर का बिजली बिल 20 हजार रुपए आया है। इसका भी भुगतान इसलिए नहीं किया कि वह 500 रुपए रोज कमाता है, ऐसे में इतना भारी-भरकम बिल वह कैसे भरेगा। हालांकि कुछ मकान ऐसे भी नजर आए, जो अन्य खंबे से तार डालकर बिजली सप्लाई ले रहे थे।

परीक्षा वाले बच्चों के लिए करेंगे अलग से व्यवस्था

मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक जाहिद खान का कहना है कि जो उपभोक्ता नियमित रूप से बिल भर रहे हैं और उनके बच्चों के एग्जाम है, तो उनके लिए अलग से सप्लाई की व्यवस्था करेंगे, ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। बाकी लोगों को कुल बकाए का 30 फीसदी भुगतान करना होगा, तभी वहां सप्लाई शुरू की जाएगी।

प्रभावितों का दर्द; 20 से 30 हजार रु. बिल, कैसे चुकाएं

  •  वासिब खान कहते हैं कि 30 हजार का इकट्ठा बिल थमा दिया है। इतना बिल एक साथ कैसे चुकाएंगे। इसमें बिजली कर्मचारियों की गलती है।
  •  रामकृष्ण घनघोरिया कहते हैं, उन्हें 20 हजार का बिल थमाया गया है। वे कई बार बिजली दफ्तर बिल सुधरवाने पहुंचे तो कहा गया कि बिल सही करने आएंगे, लेकिन आज तक नहीं आए। ऐसे में बिल की राशि बढ़ती गई।
  •  असलम का कहना है कि उनका 400 रुपए का बिल आता है। वे नियमित बिल भर रहे हैं, लेकिन गेहूं के साथ घुन भी पिसता है। नतीजतन 7 दिन से हम लोग अंधेरे में रहने को विवश हैं।
  •  सुल्ताना बेगम कहती हैं कि हम तो नियमित बिल भर रहे हैं, लेकिन 7 दिन से घर में अंधेरा है। छोटी बच्ची रात भर रोती रहती है। मच्छरों से परेशान हैं।

1.दिन में पढ़ाई में नहीं बन पाती एकाग्रता

कक्षा आठवीं के छात्र जोहेब की शनिवार से परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। पहला पेपर अंग्रेजी का है। इलाके में आठ दिन से बिजली सप्लाई बंद है, ऐसे में परीक्षा की तैयारी में दिक्कत आ रही है। कोशिश करता हूं कि दिन में पढ़ाई कर लूं, लेकिन एकाग्रता नहीं बन पाती। इसके चलते रात में मोमबत्ती जलाकर पढ़ाई करता हूं।

2. बिजली नहीं होने से पढ़ाई में दिक्कत

मनतशा 12 वीं की स्टूडेंट है। एक मार्च से उसकी बोर्ड परीक्षा शुरू हो रही है। सप्ताह भर से घर की बिजली गुल है। इससे उसकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वह कहती है कि फिलहाल मोमबत्ती या मोबाइल टॉर्च की रोशनी में पढ़ाई कर रही हूं। दिन में स्कूल और घर के कामकाज के कारण पढ़ाई नहीं हो पाती है। पिताजी बाहर से मोबाइल चार्ज कराकर लाते हैं, तब जाकर रात में पढ़ाई कर पाती हूं।

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