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जापान-इटली समेत कई देशों में बढ़ रही बुजुर्गों की आबादी, बढ़ेगा संकट

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने जारी की रिपोर्ट, कहा- अर्थव्यस्था पर पड़ेगा असर

वाशिंगटन। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ती जनसंख्या से इतर एशिया और यूरोप दुनिया की सबसे बुजुर्ग आबादी का घर बनते जा रहे हैं। यहां बड़ी आबादी की उम्र 65 वर्ष और उससे अधिक है। सबसे ऊपर 29 प्रतिशत के साथ जापान है, उसके बाद 24 प्रतिशत के साथ इटली है। फिनलैंड, पुर्तगाल और ग्रीस 23-22 प्रतिशत से कम के साथ शीर्ष पांच में हैं। वहीं दूसरी ओर अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के मुताबिक 2023 में दुनिया भर में जनसंख्या की वृद्धि दर एक प्रतिशत से कम रही है।

साल 2024 की शुरुआत में दुनिया भर में हर सेकेंड में 4.3 लोगों का जन्म और दो लोगों की मौत होने का अनुमान है। रिपोर्ट के मुताबिक एक जनवरी, 2024 को अनुमानित विश्व जनसंख्या 8,019,876,189 थी, जो एक जनवरी 2023 के दिन से 75,162,541 (0.95 फीसदी) अधिक है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो का कहना है कि 26 सितंबर, 2023 को विश्व की जनसंख्या आठ अरब के पार हो गई, जबकि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या विभाग का अनुमान था कि यह 15 नवंबर 2022 को ही हो चुकी थी।

भारत में 6% है बुजुर्गों की आबादी

बुजुर्गों की आबादी बढ़ने में दक्षिणी यूरोप, जिसमें क्रोएशिया, ग्रीस, इटली, माल्टा, पुर्तगाल, सर्बिया, स्लोवेनिया और स्पेन जैसे देश भी शामिल हैं। चीन की 12% आबादी 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र की है। जबकि अमेरिका में बुजुर्गों की यह हिस्सेदारी 16% से ज्यादा है। भारत में 6% और सबसे कम कांगो में 3% है। यूएन के अनुसार 2050 में पूरी दुनिया में तकरीबन डेढ़ अरब से ज्यादा लोग 65 साल से अधिक की उम्र के होंगे।

2050 तक आबादी होगी 40%

रिपोर्ट के मुताबिक एशिया में जापान की ही तरह कई और देश जैसे हांगकांग, दक्षिण कोरिया में भी 2050 तक 65 और उससे अधिक उम्र के लोगों की हिस्सेदारी सबसे अधिक होने की उम्मीद है। 2050 तक हांगकांग, दक्षिण कोरिया और जापान की लगभग 40 प्रतिशत आबादी 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र की हो जाएगी।

बढ़ रही कामगारों की समस्या

जापान जैसे कई देश जहां की जनसंख्या तेजी से बूढ़ी हो रही है, वहां की सबसे बड़ी समस्या कामगारों की कमी और गिरती अर्थव्यवस्था है। जापान में मई 2018 में रोजगार की उपलब्धता का अनुपात 44 साल में सबसे ज्यादा हो गया है। यहां प्रति 100 कामगारों पर 160 नौकरियां हैं। इसी तरह कामगारों की समस्या से इटली, जर्मनी व फिनलैंड जैसे देश भी भुगत रहे हैं। इसकी वजह से उनकी अर्थव्यस्था गिर रही है। हालांकि, बूढ़ी होती आबादी लोगों के ज्यादा जीने का प्रतीक है, लेकिन यह अर्थव्यवस्था के लिए भी एक बड़ी चुनौती है।

बूढ़ी होती आबादी वाले देश

जापान: 2022 तक जापान में 29.9 प्रतिशत आबादी 65 साल से अधिक के लोगों की है। आठ देशों की सूची में वह एकमात्र एशियाई देश है, लेकिन हांगकांग और दक्षिण कोरिया उससे ज्यादा पीछे नहीं हैं। 2050 में ये दोनों देश जापान को पछाड़ सकते हैं। 2050 तक जापान की 37.5% आबादी 65 साल से अधिक की होगी।

इटली: इस लिस्ट में इटली सबसे बूढ़े देशों की सूची में यूरोपीय देशों में सबसे ऊपर है, जबकि दुनियाभर में इटली दूसरे नंबर पर आता है। जहां 24.1 प्रतिशत आबादी 65 साल को पार कर चुकी है और 2050 में इटली में 65 के ऊपर के लोगों की आबादी 37.1 प्रतिशत को पार कर जाएगी।

फिनलैंड: फिनलैंड भी इटली से ज्यादा पीछे नहीं है। वहां की 23.3 प्रतिशत आबादी 65 साल को पार कर चुकी है।

पुर्तो रिको: कैरेबियाई देश इस सूची में एकमात्र गैर एशियाई और गैर यूरोपीय देश है। वहां 22.9 प्रतिशत आबादी की उम्र 65 साल से अधिक है। हालांकि, 2050 तक इसकी कितनी बुजुर्ग आबादी होगी, इसका आंकलन रिपोर्ट में नहीं दिया गया है।

पुर्तगाल: पुर्तगाल में 22.9 प्रतिशत आबादी 65 साल की उम्र पार कर चुकी है। 2050 तक वहां पर इन बुजुर्ग लोगों की आबादी 34.3 प्रतिशत होगी।

ग्रीस: ग्रीस में 22.8 प्रतिशत आबादी 65 साल से अधिक की है और 2050 तक यह 34.5 प्रतिशत हो जाएगी।

जर्मनी: पश्चिमी यूरोप में जर्मनी भी बूढ़ी होती आबादी से जूझ रहा है। जर्मनी में 22.4 प्रतिशत लोगों की उम्र 65 साल से अधिक है। यह देश इस वक्त कामगारों की समस्या से सबसे ज्यादा जूझ रहा है।

बुल्गारिया: 2022 तक बुल्गारिया में 22.4% आबादी 65 साल से अधिक की है।

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