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मप्र के चित्रकूट में मंदाकिनी नदी में मिल रहे नाले, यूपी में है निर्मल

घाटों पर न तो सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, न ही हैं सुलभ शौचालय

राजीव सोनी-भोपाल। वनवास के दौरान भगवान राम और आज भी संतों की तपोभूमि चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के अस्तित्व पर अब संकट मंडराने लगा है। प्रशासनिक अनदेखी एवं अव्यवस्था के चलते मंदाकिनी दिनों दिन मैली हो रही है। नगर की गंदगी सहित करीब डेढ़ दर्जन नालों का गंदा जल-मल सीधा नदी में मिल रहा है। नदी का एक तट मप्र में तो दूसरा किनारा उप्र के अधीन है। मप्र के हिस्से में घाटों पर न तो सुलभ शौचालय हैं और न ही सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट, जबकि उप्र में साफसफाई अच्छी है।

हर महीने लाखों तीर्थयात्री यहां पवित्र स्नान के लिए पहुंचते हैं। लेकिन साफ-सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। नदी के किनारे बन रहा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट वर्षों से अधूरा पड़ा है। देश में सबसे ज्यादा नदियों का उद्गम स्थल मप्र है। राज्य की पहचान नदियों के मायका (घराना) के रूप में भी है। मंदाकिनी को लेकर यहां आने वाले तीर्थ यात्री और नगर वासियों का कहना है कि दो दशक पहले तक मंदाकिनी का जल ज्यादा निर्मल और स्वच्छ था, लेकिन यह नदी-नाले में बदलती जा रही है।

मॉनिटरिंग : उप्र के हिस्से में बेहतर व्यवस्था

उप्र सरकार ने चित्रकूट को पहले ही जिला बना दिया है। जिला मुख्यालय होने के चलते यहां विकास कार्य, सुविधाएं और साफ-सफाई की लगातार मॉनिटरिंग है। जबकि, मप्र के चित्रकूट का जिला मुख्यालय सतना में है। यहां बस्ती के हजारों घरों से लेकर होटल और धर्मशालाओं का गंदा पानी भी नदी में गिर रहा है। घाटों पर साफ-सफाई व बुनियादी सुविधाओं के लिए लोग परेशान हैं।

सफाई अभियान : संतों ने भी की कोशिश

नदी को साफ करने के सामाजिक और शासकीय स्तर पर प्रयास भी हुए, लेकिन गंदगी जहां की तहां है। जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य भी मंदाकिनी की दुर्दशा से दुखी हैं। उन्होंने स्वयं इसकी सफाई का संकल्प लिया। गौरतलब है कि संतों के साथ नागरिकों ने भी स्वच्छता अभियान चलाए, लेकिन नालों की गंदगी आज भी नदी को प्रदूषित कर रही है।

एकमात्र सुलभ शौचालय भी बंद

हनुमान धारा पुल के नीचे बना एकमात्र सुलभ शौचालय इसलिए बंद कर दिया गया, क्योंकि गंदगी नदी में जा रही थी। सार्वजनिक शौचालय न होने से नदी के आसपास गंदगी होती है।

यह सही है उत्तरप्रदेश का क्षेत्र पहले से काफी विकसित है। मप्र में भी घाट की साफ-सफाई सहित परिक्रमा मार्ग के विकास कार्यों के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। अगले एक साल में बड़ा फर्क दिखने लगेगा। सुलभ शौचालय और एसटीपी का निर्माण भी होगा। ‘राम वन गमन पथ’ प्रोजेक्ट के तहत भी तीर्थ में कई निर्माण कार्य होंगे। – धर्मेंद्र सिंह लोधी, संस्कृति, धर्मस्व एवं पर्यटन राज्य मंत्री मप्र.

चित्रकूट धाम के विकास का पूरा रोड-मैप तैयार है, प्राधिकरण बन गया है। हां, नदी के किनारे, घाटों पर गंदगी है। ट्रीटमेंट प्लांट भी अधूरा है। आगे विकास कार्य तेजी से होंगे। – सुरेंद्र सिंह गहरवार, विधायक चित्रकूट

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