
तिमोर। इंडोनेशिया में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। तिमोर प्रांत में गुरुवार को भूकंप आया। इस भूकंप की तीव्रता 6.4 मापी गई। यूरोपीय-मेडिटेरेनियन सीस्मोलॉजिकल सेंटर ने बताया कि भूकंप का केंद्र सतह से करीब 10 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। इंडोनेशिया में सुनामी का खतरा बना रहता है। इससे शहरों में भारी तबाही मचती है, लेकिन भूकंप पर नजर रखने वाली स्थानीय एजेंसी ने सुनामी का कोई अलर्ट जारी नहीं किया है।
किसी के हताहत होने की खबर नहीं
हालांकि प्रांत के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, भूकंप की वजह से किसी व्यक्ति की हताहत होने की खबर नहीं मिली है। हालांकि, जब भूकंप आया तो कुपांग के एस्टन होटल में लोग घबरा गए, जिससे लगभग 100 लोग अपने कमरे छोड़कर होटल के सामने इकट्ठा हो गए।
इंडोनेशिया में आया था विनाशकारी भूकंप
बता दें कि इंडोनेशिया में सबसे विनाशकारी भूकंप 26 दिसंबर, 2004 को आया था। सुमात्रा के तट पर समुद्र के नीचे आए इस भूकंप की तीव्रता 9.1-9.3 थी और इससे बड़े पैमाने पर सुनामी आई, जिसने कई देशों को प्रभावित किया। आपदा ने अकेले इंडोनेशिया में 230,000 से अधिक लोगों की जान ले ली और बड़े स्तर पर नुकसान हुआ। इसके बाद अगस्त 2018 में लोम्बोक द्वीप पर एक और भयानक भूकंप आया था। इस 6.9 की तीव्रता के भूकंप में भारी संख्या में लोग मारे गए थे।
आखिर क्यों आते हैं भूकंप ?
भूकंप आने के पीछे की वजह पृथ्वी के भीतर मौजूद प्लेटों का आपस में टकराना है। हमारी पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती हैं। जब ये आपस में टकराती हैं, तब फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। जिसकी वजह से सतह के कोने मुड़ जाते हैं और वहां दबाव बनने लगता है। ऐसी स्थिति में प्लेट के टूटने के बाद ऊर्जा पैदा होती है, जो बाहर निकलने के लिए रास्ता ढूंढती है। जिसकी वजह से धरती हिलने लगती है।
कैसे मापते हैं भूकंप की तीव्रता
रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र (एपीसेंटर) से मापा जाता है। भूकंप को लेकर चार अलग-अलग जोन में बांटा गया है। मैक्रो सेस्मिक जोनिंग मैपिंग के अनुसार इसमें जोन-5 से जोन-2 तक शामिल है। जोन 5 को सबसे ज्यादा संवेदनशील माना गया है और इसी तरह जोन दो सबसे कम संवेदनशील माना जाता है।
किस तीव्रता का भूकंप कितना खतरनाक है
• 0 से 1.9 तीव्रता का भूकंप काफी कमजोर होता है। सीज्मोग्राफ से ही इसका पता चलता है।
• वहीं 2 से 2.9 तीव्रता का भूकंप रिक्टर स्केल पर हल्का कंपन करता है।
• 3 से 3.9 तीव्रता का भूकंप आने पर ऐसा लगता है जैसे कोई ट्रक आपके नजदीक से गुजर गया हो।
• 4 से 4.9 तीव्रता का भूकंप आने पर खिड़कियां टूट सकती हैं। साथ ही दीवारों पर टंगे फ्रेम गिर सकते हैं।
• 5 से 5.9 तीव्रता का भूकंप आने पर घर का फर्नीचर हिल सकता है।
• 6 से 6.9 तीव्रता का भूकंप आने पर इमारतों की नींव दरक सकती है।
• 7 से 7.9 तीव्रता का भूकंप खतरनाक होता है। इससे बिल्डिंग गिर जाती हैं और जमीन में पाइप फट जाती है।
• 8 से 8.9 तीव्रता का भूकंप काफी खतरनाक होता है। जापान, चीन समेत कई देशों में 8.8 से 8.9 तीव्रता वाले भूकंप ने खूब तबाही मचाई थी।
• 9 और उससे ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर पूरी तबाही होती है। इमारतें गिर जाती है। पेड़ पौधे, समुद्रों के नजदीक सुनामी आ जाती है।
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