
वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब मथुरा की ईदगाह मस्जिद को सील करने की मांग की गई है। इस संबंध में कोर्ट में याचिका दायर की गई है। वहीं दिल्ली के कुतुब मीनार परिसर में मौजूद मस्जिद में पूजा-पाठ की मांग करने वाली याचिका पर आज होने वाली सुनवाई टल गई है।
हिंदू पक्ष का दावा- मंदिर के अवशेष असुरक्षित
मथुरा की ईदगाह मस्जिद सील करने की मांग को लेकर हिंदू याचिकाकर्ताओं का दावा है कि अगर परिसर को सील नहीं किया गया तो गर्भगृह और अन्य पुरातात्विक मंदिर के अवशेष क्षतिग्रस्त या हटाए जा सकते हैं। मुथरा सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में अधिवक्ता महेंद्र प्रताप सिंह ने प्रार्थना पत्र लगाया है। इसमें उन्होंने शाही ईदगाह पर सुरक्षा बढ़ाए जाने, वहां आने-जाने पर रोक और सुरक्षा अधिकारी को नियुक्त करने की मांग की गई है।
ईदगाह मस्जिद का सर्वे कराने की भी मांग
मथुरा में नारायणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव, अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश शर्मा और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्याय के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह ने वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह प्रकरण में शाही ईदगाह पर सर्वे की मांग की थी।
तीनों ने ही इस संबंध में अदालत में प्रार्थना पत्र दिया, जिसमें कहा गया कि शाही ईदगाह परिसर का भी अधिवक्ता कमीशन द्वारा सर्वे किया जाना चाहिए। अदालत ने उनके प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर 1 जुलाई को सुनवाई का निर्णय लिया है।
कुतुब मीनार पर आज होने वाली सुनवाई टली
जानकारी के मुताबिक, कुतुब मीनार में पूजा करने के अधिकार मांगने वाली याचिका पर आज होने वाली सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में 24 मई को सुनवाई होगी। बता दें कि इस केस से जुड़े वकील विष्णु शंकर जैन के दिल्ली में ना होने की वजह से कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख 24 मई दी।
दरअसल, याचिका में दावा किया गया है कि मस्जिद परिसर में हिंदू और जैन धर्म के 27 मंदिर हैं। इस मामले में एक पक्ष की दलील है कि कुतुब मीनार के अंदर बनी मस्जिद हिंदू और जैन धर्म के 27 मंदिरों को तोड़ कर बनाई गई है। ऐसे में वहां फिर से मूर्तियां स्थापित कर पूजा पाठ करने की इजाजत दी जाए।
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