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” बासमती को टक्कर देगी जबलपुर में विकसित की गई धान, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी और पूसा के साइंटिस्ट ने मिलकर तैयार की नई हाई-ब्रिड वैरायटी”

एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी व पूसा दिल्ली के वैज्ञानिकों ने मिलकर तैयार की धान की नई हाइब्रिड वैरायटी

हर्षित चौरसिया-जबलपुर। कृषि वैज्ञानिकों ने बासमती चावल को टक्कर देने वाली हाइब्रिड धान की नई वैरायटी जेआरएच-56 तैयार की है। हाइब्रिड धान की इस वैरायटी से किसान जो चावल रिकवर करेगा उसके दाने बासमती चावल की तरह लंबे और मुलायम होंगे। किसानों के खेत तक हाइब्रिड धान की नई वैरायटी को पहुंचाने के लिए जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि और कृषि विभाग मिलकर प्रयास में जुटे हैं।

हाइब्रिड वैरायटी में ज्यादा शुद्ध रहेगी यह धान

विवि के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय सिंह ने बताया कि हाइब्रिड धान की नई किस्म जेआरएच-56 को पूसा नई दिल्ली के साथ मिलकर तैयार किया गया है। इसे किसानों के लिए रिलीज भी कर दिया गया है। मार्च 2024 में गजट नोटिफिकेशन में इस किस्म को प्रदेश में उत्पादन के लिए स्वीकृति भी दे दी गई है। यह पहली एक ऐसी हाइब्रिड वैरायटी है, जिसे हमने दो लाइन पद्धति से तैयार किया है। इस वजह से यह हाइब्रिड वैरायटी में ज्यादा शुद्ध धान रहेगी।

60 से 70% तक मिलेगा चावल

डॉ. सिंह ने बताया कि इसकी विशेषता है कि प्रति हेक्टेयर 65-68 क्विंटल तक उत्पादन होगा। इस हाइब्रिड धान से 68-70% तक चावल मिलेगा, जो सुगंधित होगा। यह रोग रोधी फसल होगी एवं गुणवत्ता युक्त चावल देगी, जिसमें भरपूर पोषक तत्व होंगे।

विवि के वैज्ञानिक लगातार फसलों की किस्म को उन्नत बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। इसी क्रम में धान की यह नई किस्म तैयार की गई है। यह धान की फसल लेने वाले किसानों के लिए आय बढ़ाएगी। – डॉ. प्रमोद कुमार मिश्र, कुलपति, जेएनके विवि, जबलपुर

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