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चाइल्ड ट्रैफिकिंग केस : CBI की गिरफ्त में बच्चा चोर गैंग, पूछताछ में किए कई खुलासे; सोशल मीडिया के जरिए गोद देने का दावा कर मांगते थे मोटी रकम

नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बच्चों की खरीद-बिक्री करने वाली गैंग का भंडाफोड़ कर दिया है। सीबीआई ने दिल्ली व हरियाणा में छापेमारी कर नवजात शिशु की तस्करी करने वाले पांच महिला समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया। इस मामले का मास्टरमाइंड भी उनके गिरफ्त में है। ये लोग सोशल मीडिया के जरिए शिशुओं को कानूनी प्रक्रिया के साथ गोद देने की बात कहकर उन्हें जाल में फंसाते थे। फिर उनसे मोटी रकम की मांग करते थे।

बच्चा चोर गैंग ने फौजी को बनाया अपना निशाना

पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, बच्चा चोर गैंग ने गुजरात के बड़ौदा से एक फौजी परिवार को द्वारका स्थित एक अस्पताल के पास नवजात को गोद देने के नाम पर बुलाया था। इन्हें शिशु देने से पहले ही यह दोनों सीबीआई के हत्थे चढ़ गए। जिसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया। मामले की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले खुलासे हुए।

एनसीआर में बना रखा है नेटवर्क

पुलिस ने आगे बताया कि, इस गैंग का लीडर असलम है। साल 2020 में भी असलम मुस्तफाबाद क्षेत्र से मानव तस्करी मामले में ही गिरफ्तार हुआ था। जेल से बाहर आने के बाद फिर से वो यह काम करने लगा।

असलम ने दिल्ली-एनसीआर में बच्चों के बेचने का अपना नेटवर्क बना रखा है। उसकी गैंग में कई लोग हैं। सभी को अलग-अलग तरीके से काम बांटा हुआ था। कोई सोशल मीडिया पर गोद देने की बात कहकर लोगों को फंसता था, तो कोई गोद लेने के फर्जी कागजात बनवाने में माहिर था। इसके तार देशभर में जुड़े होने की आशंका जताई जा रही है।

शिशुओं की देखभाल करने के लिए केयर टेकर भी रखा हुआ था। बताया जा रहा है कि असलम के अलावा इंदु व नीरज इस गिरोह के खास सदस्य हैं। जो असलम के कहने पर शिशुओं को लाने का काम करते थे। इंदु एक तलाकशुदा है और वह नीरज के साथ द्वारका के किसी अस्पताल से जुड़ी हुई है। जिससे बच्चे लाना उसके लिए थोड़ा आसान हो जाता था।

आईवीएफ से गर्भधारण करवाते थे

इस मामले को लेकर दिल्ली के दो अस्पतालों का नाम भी सामने आया है, कहा जा रहा है कि इन दोनों अस्पतालों में गिरोह आईवीएफ के माध्यम से युवतियों को गर्भधारण कराते थे। फिर इन शिशुओं को पांच से 10 लाख रुपए में बेच देते थे। पता चला है कि गरीब परिवार से भी बच्चों को खरीदा जाता था। अस्पताल से भी बच्चे चोरी की जाने की बात सामने आई है।

शिशु को गोद लेने गुजरात से आया था फौजी परिवार

पुलिस सूत्रों के अनुसार, गुजरात के बड़ौदा के रहने वाले फौजी को केवल 15 साल की एक बेटी है। वह एक लड़का को गोद लेना चाहते थे। उन्होंने सोशल मीडिया पर गोद लेने की प्रक्रिया व जानकारी सर्च की। तभी उन्हें इंदु नाम की एक महिला का संपर्क नंबर मिला। जिसने सोशल मीडिया पर कानूनी रूप से बच्चों को गोद देने की बात लिखी हुई थी।

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