
कोविड-19 के बाद अमेरिका में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई थी, और भारत प्रमुख स्रोत के रूप में उभरा। भारतीय छात्रों ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए बढ़-चढ़ कर आवेदन किया था। लेकिन 2024 के पहले नौ महीनों में F1 छात्र वीजा में 38% की गिरावट आई है। इसका अहम कारण कठोर वीजा नियम और लंबी वीजा प्रोसेसिंग बताई जा रही हैं। इसके साथ इस मामले को लेकर ReachIvy.com की सीईओ, विभा कागजी का कहना है, ‘US अब भी एक प्रमुख एजुकेशन पॉइंट है, लेकिन कई छात्र अब कनाडा, ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में वैकल्पिक अवसरों को तलाश रहे हैं।’
क्या है F1 वीजा?
F-1 वीजा अमेरिकी सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों को प्रदान किया जाता है। ये वो छात्र होते है जो अमेरिकी में भारत से पढ़ने आते हैं। यह छात्रों को अकादमी प्रोग्राम में भाग लेने की अनुमति देता है और कुछ विशेष शर्तों के तहत काम करने का भी अवसर प्रदान करता है।
2024 में भारतीय छात्रों के लिए F1 वीजा में गिरावट
US राज्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2024 के पहले नौ महीनों में भारतीय छात्रों के लिए जारी किए गए F1 वीजा की संख्या घटकर 64,008 हो गई है, जो कि 2023 के समान अवधि में 1,03,495 थी। यह गिरावट 38% तक पहुंच गई है। अगर हम 2022 और 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो, 2022 में 93,181 वीजा जारी हुए थे और 2021 में 65,235 वीजा जारी किए गए थे। वहीं, 2020 के दौरान कोविड-19 महामारी के कारण, केवल 6,646 वीजा जारी किए गए थे। इसे एक टेबल से समझे
वर्ष | जारी किए गए F1 वीजा |
2020 | 6,646 |
2021 | 65,235 |
2022 | 93,181 |
2023 | 1,03,495 |
2024 (जनवरी- सितंबर) | 64,008 |
भारतीय छात्रों के लिए गिरावट के मुख्य कारण
इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख कारण हैं-
- कोविड के बाद मांग का स्थिर होना
कोविड-19 के बाद, अमेरिका में हायर एजुकेशन के लिए भारतीय छात्रों की संख्या में भारी वृद्धि हुई थी। लेकिन अब यह मांग कम हो रही है, क्योंकि छात्र पहले ही हायर एजुकेशन के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में आवेदन कर चुके हैं। इसके परिणामस्वरूप, वीजा आवेदन करने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट आई है।
- कठोर वीजा नियम और लंबी वीजा प्रोसेसिंग
भारतीय छात्रों के लिए वीजा प्राप्त करने की प्रक्रिया में अधिक सख्ती आ गई है। साक्षात्कार में कड़ी चयन प्रक्रिया और वीजा प्रक्रिया में देरी, जैसे मुद्दे छात्रों को परेशानी में डाल रहे हैं। इसके साथ ही, कई छात्र लंबी प्रतीक्षा सूची और वीजा इंटरव्यू स्लॉट की कमी से भी जूझ रहे हैं, जिससे उनका मनोबल टूट रहा है।
- अन्य देशों में विकल्पों का विस्तार
कनाडा, ब्रिटेन, और जर्मनी जैसे देशों ने छात्रों के लिए आकर्षक विकल्प पेश किए हैं। इनमें से कई देश, विशेष रूप से कनाडा, भारतीय छात्रों के लिए अधिक अनुकूल वीजा और शिक्षा नीतियाँ प्रदान करते हैं। परिणामस्वरूप, बहुत से भारतीय छात्र अब इन देशों में भी हायर एजुकेशन के अवसरों को देख रहे हैं।
भारतीय छात्रों के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में एक नया अध्याय
इसके बावजूद, भारतीय छात्रों ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अपनी स्थिति मजबूत की है। Open Doors 2024 रिपोर्ट के अनुसार, 2023-24 के दौरान अमेरिका में 3,31,000 भारतीय छात्र थे, जो कुल अंतर्राष्ट्रीय छात्र संख्या का 29.4% हैं। यह आंकड़ा चीन (2,77,000 छात्र) से अधिक है, जो 24.6% का योगदान देता है।
भारत से छात्रों की संख्या में वृद्धि के बावजूद, अमेरिकी राज्य विभाग के अनुसार, 2024 में जारी किए गए वीजा की गिरावट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अब कुछ अन्य कारक हैं, जो छात्रों के मन में संकोच पैदा कर रहे हैं।
कई छात्रों ने वीजा स्लॉट का उपयोग नहीं किया
इस साल भारत में वीजा आवेदन की उच्चतम सीज़न (मई, जून, और जुलाई) के दौरान लगभग 20,000 वीजा अपॉइंटमेंट स्लॉट्स उपयोग नहीं किए गए। यह आंकड़ा यह संकेत देता है कि पोस्ट-कोविड वृद्धि के बाद, छात्रों का रुझान अब स्थिर हो गया है, और वे अधिक सावधानी से अपने वीजा आवेदन में शामिल हो रहे हैं।
क्या भविष्य में बदलाव होगा?
US राज्य विभाग ने वीजा प्रोसेसिंग में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने का वादा किया है। वे अपनी टीम को बेहतर संसाधन, उपकरण, और समर्थन देने के लिए काम कर रहे हैं ताकि वीजा प्रोसेसिंग समय को कम किया जा सके और छात्रों को बेहतर सेवा प्रदान की जा सके।
अमेरिका में अध्ययन करने का सपना देख रहे भारतीय छात्रों के लिए वीजा की प्रक्रिया कठिन हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद, अमेरिकी विश्वविद्यालयों में अध्ययन करने के लाभ अब भी आकर्षक बने हुए हैं।