
बर्न। स्विट्जरलैंड में सुसाइड कैप्सूल को मेरिशॉजेन क्षेत्र के वुडलैंड रिट्रीट में रखा गया है, जो स्विस-जर्मन सीमा के पास स्थित है। यह एक जंगल है, जहां आत्महत्या की इच्छा रखने वाला व्यक्ति छुपकर जाता है। उस कैप्सूल में बैठकर उसे बंद करता और फिर बटन दबा देता है। मिनटों में उसकी मौत हो जाती है। सुसाइड कैप्सूल (सार्को) का निर्माण नीदरलैंड्स के असिस्टेड सुसाइड ग्रुप एग्जिट इंटरनेशनल ने किया है। पुलिस ने सार्को में एक महिला की मौत के बाद कई लोगों को हिरासत में लिया है।
10 लाख डॉलर है कीमत : कंपनी के अनुसार इसे विकसित करने में 10 लाख डॉलर का खर्च आया। कंपनी के डॉ. फिलिप नित्शके ने बताया स्विट्जरलैंड के वकीलों से सलाह मिली है कि देश में सार्को का उपयोग कानूनी रूप से वैध होगा।
इच्छामृत्यु की नहीं है इजाजत : यहां इच्छामृत्यु की इजाजत नहीं मिलती, जिसमें हेल्थकेयर प्रैक्टिशनर जहरीला इंजेक्शन देकर व्यक्ति को मौत देते हैं। आरोप है कि कंपनी के ही कुछ लोगों ने महिला को अपनी जान देने के लिए उकसाया था।
अमेरिकी महिला की मौत के बाद बढ़ा विवाद
सुसाइड कैप्सूल से अमेरिका की एक 64 वर्षीय महिला की मौत हुई है। यह महिला सीवियर इम्यून कॉम्प्रोमाइज से पीड़ित थी। यानी उसका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर था। इसका पहली बार इस्तेमाल किया गया था। सुसाइड कैप्सूल के अंदर बैठा व्यक्ति बटन दबाता है, जिससे उसमें नाइट्रोजन गैस फैलती है और मौत हो जाती है।