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पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने के साथ ही अपनी फिटनेस को बरकरार रखने के लिए चला रहे साइकल

बाइसिकल डे आज: शहर के साइकलिस्ट से आईएम भोपाल ने की बातचीत

किसी ने साइकल से कश्मीर से कन्याकुमारी का सफर तय किया, तो किसी ने मनाली से लेह का तक का। तो कोई अपनी फिटनेस को बरकरार रखने के लिए रोजना साइकिलिंग कर रहा है। कोई रोजाना 20 किलोमीटर की साइकल राइड कर रहा है। अपनी भागदौड़ भरी जिंदगी से लोग कुछ समय साइकिलिंग के लिए भी निकाल रहे है। बच्चों से लेकर बड़े सभी को साइकिलिंग कर रहे हैं। आज बाइसिकल डे के अवसर पर शहर के साइकलिस्ट से बातचीत की और जाना कि उन्होंने साइकिलिंग की शुरुआत कब से की और अभी तक कहा-कहा साइकल राइड कर चुके है।

हर संडे होती है साइकल राइड

दृष्टि गुप्ता कहती है कि 2019 में कोविड के दौरान से साइकिलिंग शुरू किया। अब यह डेली रूटीन हो गया है। शुरूआत में 20 से 30 किमी की छोटी-छोटी साइकल राइड करते थी। ग्रुप के साथ साइकिलिंग करने लगी। भोपाल से रायसेन, भीमबेटका सहित आसपास की कई लोकेशन पर राइड की है। उन्होंने बताया की साइकिलिंग से फिजिकल फिटनेस भी करकरार रही है। उन्होंने बताया कि अब हर संडे को साइकल राइड पर जाते है।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर किया तय

वरुण नामदेव कहते हैं कि तीन साल से साइकिलिंग कर रहा हूं। इस दौरान मैंने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक की यात्रा साइकल से की। उन्होंने बताया कि मौसम के अनुसार साइकिलिंग करते है, बारिश के मौसम में पहाड़ी जगहों पर ज्यादा राइड करते है। वहीं भोपाल से देवास, उज्जैन, रायसेन, गुना, विदिशा आदि जगहों पर साइकल राइड कर चूका हूं। वरुण ने बताया कि रोजना साइकल से 20 से 25 किमी. की राइड करता रहता हूं। उन्होंने बताया कि साइकल चलाने से सारे वर्कआउट हो जाते है।

मनाली से लेह तक साइकल अभियान में लिया हिस्सा

अक्षत अग्निहोत्री कहते हैं कि सात साल से साइकिलिंग कर रहा हूं। मैंने मनाली से लेह तक की साइकिलिंग अभियान में हिस्सा लिया। हर हफ्ते में एक ट्रिप साइकल से जरूर करता हूं। भोपाल से उज्जैन के साथ भोपाल के आसपास की लोकेशन पर राइड कर चुका हूं। उन्होंने कहा कि साइकिलिंग करने साथ फिटनेस भी बनी रहती है साथ ही पर्यावरण को भी हम सुरक्षित रखते है।

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