
भोपाल। प्रदेश में चुनाव से काफी पहले ही बीजेपी ने पहली सूची जारी कर न केवल विपक्षी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को चौंकाया है, बल्कि खुद की पार्टी के लिए भी परेशानी बढ़ा ली है। प्रदेश में बीजेपी की पहली लिस्ट में 39 सीटों पर प्रत्याशी चयन को लेकर अंसतोष के स्वर बुलंद हो रहे और कई जगहों पर प्रत्याशी अपनी सीट बदलने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में बीजेपी ने दो टूक संदेश दे दिया है कि लिस्ट में शामिल किसी भी नाम को अब न तो बदला जाएगा और न ही किसी के कहने पर उसकी सीट बदली जाएगी।
बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने आज प्रदेश भाजपा कार्यालय में साफ कर दिया कि पार्टी ने काफी सोच-समझ कर सूची जारी की है और इसमें बदलाव की कोई भी संभावना नहीं है।
एक दर्जन सीटों पर घमासान
बीजेपी द्वारा पहली सूची जारी करने के बाद कई सीटों पर घमासान मचा हुआ है। छतरपुर में तो ललिता यादव को टिकट दिए जाने के बाद यहां से दावेदारी कर रहीं अर्चना सिंह के समर्थक सड़कों पर उतर आए। इसके अलावा एक दर्जन से ज्यादा सीटें ऐसी हैं जहां पार्टी टिकट के खिलाफ ही कार्यकर्ताओं और नेताओं ने लामबंद होकर मोर्चा खोल दिया है। चंबल अंचल की सबलगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा के प्रदेश मंत्री रणवीर रावत की दावेदारी थी, लेकिन पार्टी ने यहां से सरला रावत को टिकट दे दिया। इससे नाराज रणवीर रावत के बेटे आदित्य ने सोशल मीडिया पर पार्टी के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर दी। बाद में नरेंद्र सिंह तोमर के हस्तक्षेप के बाद इस पोस्ट को डिलीट कराया गया।
#भोपाल : पहली #सूची के बाद #असंतोष और #प्रत्याशियों की #सीट बदलने के मामले पर #बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष #वीडी_शर्मा की दो टूक, किसी का #टिकट नहीं बदलेगा। #पार्टी ने जीतने वाले #प्रत्याशियों को ही मैदान में उतारा है, देखें VIDEO || #Bhopal #VDSharma #winningcandidates… pic.twitter.com/NEPnwkMMov
— Peoples Samachar (@psamachar1) August 18, 2023
इसके साथ ही चाचौड़ा सीट पर भी असंतोष के स्वर उठ रहे हैं। यहां से पार्टी ने नए चेहरे के रूप में जीएसटी कमिश्नर प्रद्युम्न सिंह मीणा की धर्मपत्नी प्रियंका को टिकट दे दिया है। वे साल भर पहले ही बीजेपी की सदस्य बनी हैं। इसका विरोध वहां से विधायक रहीं ममता मीणा और उनके रिटायर्ड आईपीएस पति रघुवीर मीणा कर रहे हैं। शिवपुरी जिले की पिछोर सीट से प्रीतम सिंह लोधी को टिकट मिलने से बाकी नेता खफा हो गए हैं। प्रीतम सिंह ब्राह्मण विरोधी टिप्पणी के कारण एक बार पार्टी से निकाले भी जा चुके हैं। इसके अलावा ओमप्रकाश धुर्वे शहपुरा के बजाय डिंडौरी सीट से चुनाव लड़ने की मांग संगठन से कर रहे हैं। सुमावली, महाराजपुर, बंडा, राऊ, पुष्पराजगढ़, बरगी, लांजी और मुलताई सीटों पर भी अंतर्कलह दिखनी शुरू हो गई है।
भोपाल की दो सीटों पर भी करना होगा डैमेज कंट्रोल
फिलहाल पार्टी ने भोपाल उत्तर सीट से पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया है। वे सीएम शिवराज के गुट से आते हैं। अल्पसंख्यक बाहुल्य इस सीट से संघ के प्रचारक चेतन भार्गव और उनके भाई देवेंद्र भार्गव, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश केसवानी, एमआईसी मेंबर मनोज राठौर भी यहां से दावेदारी कर रहे थे। इधर, भोपाल मध्य सीट पर पेंच ज्यादा फंसा हुआ है। पार्टी ने यहां से पूर्व विधायक ध्रुव नारायण सिंह को टिकट दिया तो सीएम के करीबी और पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह खफा हो गए हैं। भोपाल मध्य सीट से दिल्ली से सीधा कनेक्शन रखने वाले प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. हितेष बाजपेयी और वीडी शर्मा के बेहद करीबी एवं जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी भी लाइन में थे। ऐसे में यहां डैमेज कंट्रोल करना भी पार्टी के लिए कठिन चुनौती होगी।
कांग्रेस करेगी असंतुष्टों का वेलकम
भाजपा ने ये साफ कर दिया है कि वह इस तरह के हालातों को काबू कर लेगी। प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा का दावा है कि पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता पार्टी के फैसले के खिलाफ नहीं जाएगा। इधर, बीजेपी की पहली सूची के बाद अंसतुष्टों की संख्या बढ़ने का फायदा उठाने की तैयारी कांग्रेस कर रही है। ऐसे में नाराज भाजपाईयों को कांग्रेस अपनाने की तैयारी पहले की कर चुकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि जो भी व्यक्ति पार्टी की रीति-नीति में भरोसा रखेगा उसके लिए पार्टी के दरवाजे हमेशा खुले हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में टिकट बंटवारे से नाराज अंसतुष्ट दल-बदल करते दिखाई दे सकते हैं।
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