
भोपाल। कांग्रेस ने प्रदेश के नगरीय निकायों की सड़कों की मरम्मत के लिए जारी राशि को ऊंट के मुंह में जीरा बताया है। कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने सीएम से सवाल पूछा- 413 नगरीय निकायों की सड़कों की मरम्मत के लिए 750 करोड़ रुपए की राशि क्या काफी है? उन्होंने कहा कि जिस हिसाब से प्रदेश की सड़कें बदहाल हैं, उस हिसाब से यह राशि बहुत कम है।
मिश्रा ने कहा- अनुमान लगाया जाए तो इस राशि से प्रदेश के कुछ जिलों की सड़कों में ही मरम्मत हो सकेगी, वह भी आधी-अधूरी। इस राशि में भाजपा नेताओं और उन कंपनियों की भी हिस्सेदारी होगी, जो मरम्मत का काम करेंगी। मिश्रा ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए आवंटित की गई राशि विधानसभा चुनाव के लिए फंड जुटाने की योजना है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार द्वारा प्रदेश में बड़े स्तर पर निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार आम बात है। बड़ी संख्या में सड़कों, बांधों और पुल पुलिया के निर्माण खराब गुणवत्ता के कारण समय से पहले ही क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
पिछली बारिश में 290 सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पिछले साल बारिश के दौरान प्रदेश में कुल 3,000 किलोमीटर की 290 सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं थीं। इनमें से कई नई बनी सड़कें थीं। कारम बांध का घोटाला हो या ग्वालियर चंबल संभाग में बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुए आधा दर्जन से ज्यादा पुल, सभी के गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में हुए शासकीय धन के बंदरबांट और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हैं।
750 करोड़ रुपए का लॉलीपॉप
केके मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा 413 नगरीय निकायों की सड़कों की मरम्मत के लिए 750 करोड़ रुपए आवंटित करने की घोषणा चुनावी लॉलीपॉप है। चुनाव आते ही जनता को बड़े-बड़े वादे, झूठी घोषणाएं और अनगिनत भूमि पूजन कर भ्रमित करना भाजपा सरकार की कार्यशैली बन चुकी है। सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार की कथनी और करनी में बहुत अंतर है।