
नासिक। भारतीय वायुसेना का एक सुखोई लड़ाकू विमान मंगलवार को महाराष्ट्र के नासिक जिले में क्रैश हो गया। यह जेट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को ओवरहॉलिंग और ट्रेनिंग के लिए भेजा गया था। विमान के पायलट और सह-पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए। विमान शिरसगांव गांव के पास एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ है।
दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकले
आईपीएस अधिकारी ने बताया कि सुखोई विमान शिरसगांव गांव के पास एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ। लड़ाकू विमान को विंग कमांडर बोकिल और उनके दूसरे कमांडर बिस्वास उड़ा रहे थे। करीब दोपहर 1.20 बजे यह निफाड तहसील के शिरसगांव गांव के एक खेत में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दोनों पायलट सुरक्षित बाहर निकल आए और उन्हें मामूली चोटें आई हैं। दोनों पायलट को एचएएल अस्पताल ले जाया गया है।
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500 मीटर के दायरे में फैले विमान के पार्ट्स
दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद विमान में आग लग गई, जिसे बुझा दिया गया है। अधिकारी ने बताया कि विमान के हिस्से अब 500 मीटर के दायरे में फैले हुए हैं। विमान दुर्घटना के बाद भारतीय वायुसेना, एचएएल सुरक्षा और एचएएल तकनीकी इकाई की टीमों ने घटनास्थल का दौरा किया।
सुखोई लड़ाकू विमान की खूबियां
रूसी सुखोई एसयु-30 एमकेआई भारतीय वायुसेना में सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान माना जाता है। यह तेज और धीमी गति में हवा में कलाबाजियां खाते हुए दुश्मन को धोखा देते हुए उनपर हमला कर सकता है। भारतीय वायुसेना के पास 272 सक्रिय सुखोई Su-30MKI हैं, इस एयरक्राफ्ट में दो इंजन हैं और दो चालको के बैठने की जगह है। इनमें से कुछ लड़ाकू विमान को सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस को लॉन्च करने के लिए भी अपग्रेड किया गया है। इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स लगे हैं। इसमें 4 तरह के रॉकेट्स लगा सकते हैं।
सुखोई विमान 3,000 किलोमीटर तक हमला कर सकता है, जबकि इसकी क्रूज रेंज 3,200 किलोमीटर तक है और कॉम्बेट रेडियस 1,500 किलोमीटर है। वजन में भारी होने के बावजूद यह लड़ाकू विमान अपनी तेज गति के लिये जाना जाता है। यह विमान आकाश में 2,100 किलोमीटर प्रति घंटा की तेज रफ्तार से फर्राटा भर सकता है।
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