भोपाल

आर्ट-क्राफ्ट, कुकिंग में कमाल दिखा रहे ऑटिज्म पीड़ित बच्चे

पल्लवी वाघेला भोपाल। स्पेशल टीचर कपिल पुनिया- प्रणव कागज को ठीक से चिपकाओ…, ईशान और उत्कर्ष तुम लोग मिलकर मोतियों को पिरोना शुरू करो…, कनू और मनु तुम दोनों गोंद लगाने का काम करो… उनके इंस्ट्रक्शन को फॉलो करते ऑटिज्म पीड़ित बच्चे। यह नजारा आप आनंदम- ऑटिज्म मित्र संस्था के रेसिडेंसियल हॉस्टल में देख सकते हैं। बैरसिया रोड स्थित इस हॉस्टल में ऑटिज्म पीड़ित बच्चे तरह-तरह की क्रिएटिव चीजें बनाने के साथ ही कुकिंग स्किल्स डेवलप कर रहे हैं। इनके बनाए पेपर बैग, की-चेन, लिफाफे, पेंटिंग और मठरी-लड्डू आदि को काफी पसंद किया जा रहा है। संस्था से जुड़े पैरेंट्स और अन्य लोग यह सामान खरीदने में रुचि दिखा रहे हैं।

बच्चों को सिखाना कठिन

स्पेशल टीचर कपिल पुनिया, रेशमा पुनिया, आदेश कुमार और सुमित तोमर हर बच्चे की रुचि और व्यवहार के अनुसार, उन्हें एक्टिविटी से जोड़ते हैं। वर्तमान में यहां 16 बच्चे हैं। इनमें से 13 संस्था के हॉस्टल में रहते हैं, जबकि 3 बच्चे डे केयर में हैं। इन बच्चों को सिखाना कठिन होता हैं।

प्रेशर नहीं डालते

स्पेशल टीचर पूनिया बताते हैं, बीते साल बच्चों द्वारा बनाई 100 से अधिक राखियां सेल की गई। इनका बनाया नमकीन भी खूब पसंद किया जाता है। उनके अनुसार, इन बच्चों पर किसी भी चीज को बनाने का दबाव नहीं डाला जाता। यही वजह है कि सामान सीमित मात्रा में ही बनाया जाता है।

यहां रहते हुए बच्चों की दिनचर्या व्यवस्थित और नियमित हो गई है। ऑटिज्म पीड़ित बच्चे कई बार एग्रेशन दिखाते हैं। यह समस्या अब नहीं है। हाथों व आंखों के समन्वय की वजह से उनमें एकाग्रता बढ़ी है। वह ग्रुप में एक्टिविटी करते हैं तो एक बॉन्डिंग भी डेवलप हो रही है। – डॉ. नवीन अग्रवाल, सचिव, आनंदम-ऑटिज्म मित्र

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