भोपालमध्य प्रदेश

एक लाख रुपए होगा जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय, राज्यमंत्री का मिलेगा दर्जा, बैठक में सीएम ने की घोषणा

भोपाल। प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों को अब मानदेय और वाहन भत्ते के रूप में एक लाख रुपए की राशि मिलेगी। अभी किसी जिले में 45,000 तो कहीं 60,000 रुपए मिल रहे हैं। यही नहीं, अध्यक्षों को राज्य मंत्री का दर्जा प्राप्त होने से प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा। साथ ही राष्ट्रीय पर्वों पर जहां मंत्री नहीं जाएंगे वहां जिला पंचायत अध्यक्ष ध्वजारोहण करेंगे। ये घोषणाएं गुरुवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिला पंचायत अध्यक्षों के प्रतिनिधि मंडल के साथ हुई बैठक में कीं।

हर तीन माह में होगी संवाद व्यवस्था

बैठक में मुख्यमंत्री को 12 सूत्रीय मांगपत्र दिया गया। मध्यस्थता सहकारिता मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने की। सीएम ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ हर 3 माह में संवाद व्यवस्था स्थापित की जाएगी। जिला पंचायत अध्यक्ष संघ के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने बताया कि 44 जिला पंचायत अध्यक्षों के प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से मुलाकात की। करीब 45 मिनट तक चली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यक्षों को आवास एवं सुरक्षा दी जाएगी। जिला पंचायत से स्वीकृत होने वाले सभी निर्माण कार्यों में जिला पंचायत अध्यक्षों से अनुमोदन लिए जाएंगे और सांसद तथा विधायकों की भांति जिला पंचायत अध्यक्षों को शासन की तरफ से परिचय पत्र जारी होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों की अन्य मांगों पर अधिकारियों का दल बनाकर परीक्षण के बाद जल्द लागू करेंगे।

जिपं अध्यक्ष संघ की मांगें

  • जिला पंचायत अध्यक्ष के प्रोटोकाल का पालन हो।
  • जिला पंचायत के सीईओ की सीआर लिखने के अधिकार मिलें।
  • जिला पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण के अधिकार मिलें।
  • मानदेय एवं वाहन भत्ता डीजल सहित वृद्वि की जाकर 1 लाख रुपए की जाए।
  • स्वेच्छा विकास निधि 25 लाख रुपए प्रति विधानसभा क्षेत्र के मान से मिले।
  • पंचायती राज अधिनियम 1994 को पुन: यथावत लागू किया जाए।
  • जिला पंचायत अध्यक्षों को विधायक, सांसद की भांति परिचय पत्र जारी हो।
  • मनरेगा निर्माण कार्यों की अनुमति अध्यक्षों से ली जाए।
  • जहां मंत्री नहीं पहुंच पाते, वहां जिला पंचायत अध्यक्षों से ध्वजारोहण कराया जाए।
  • अध्यक्षों को जिला योजना समिति में पदेन सदस्य घोषित किया जाए।
  • डीएमएफ राशि खर्च करने समिति में अध्यक्ष को शामिल किया जाए।
  • 15 वें वित्त अथवा अन्य मदों की जो राशि में तीन गुना वृद्धि की जाए।

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