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बिल्डिंग परमिशन के नियम-प्रक्रिया का सरलीकरण हो, मांस-मछली बिक्री के लिए बनाएं अस्थाई शेड, CM ने समीक्षा बैठक कर दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि बिल्डिंग परमिशन और कम्पाउडिंग के नियम और प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। नियम स्पष्ट और सरल हों, जिसे आम आदमी आसानी से समझ सके और उसे कोई परेशानी न हो। सामान्य व्यक्ति जीवन में एक बार मकान बनाता है, बिल्डिंग परमिशन आदि की व्यवस्था ऐसी की जाएं, जिससे वह परेशान न हो और निर्धारित समय-सीमा में कार्य हो। डॉ. यादव ने ये निर्देश मंगलवार को नगरीय विकास एवं आवास विभाग की विधानसभा के समिति कक्ष में हुई बैठक में दिए।

सीएम ने कहा कि नगरीय निकायों से नक्शे जल्दी पास कराने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। भवन अनुज्ञा से संबंधित सॉफ्टवेयर का आंकलन कर यह ज्ञात करें कि वर्तमान में औसतन कितने दिनों में भवन अनुज्ञा जारी की जा रही है। बैठक में मुख्य सचिव वीरा राणा तथा अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।

शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी ले अनुमति

सीएम ने कहा कि शासकीय भवनों के निर्माण के लिए भी नगरीय निकायों से अनुमति प्राप्त की जाएं। नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड, पर्यटन सहित शासकीय भवन निर्माण में संलग्न सभी एजेंसियां बिल्डिंग परमिशन लें और निर्माण में बिल्डिंग लाइन, ओपन स्पेस, पार्किंग आदि का अनिवार्यत: ध्यान रखें। टीडीआर व टीओडी के क्षेत्र में प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएं ताकि रहवासियों को सुविधा प्राप्त हो और शहरों की बेहतर प्लानिंग भी सुनिश्चित की जा सकें। देखें वीडियो…

सड़क चौड़ीकरण में स्थानीय परिस्थितियों का रखे ध्यान

सीएम ने कहा कि सड़क चौड़ीकरण से संबंधित प्रोजेक्ट्स की प्लानिंग स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए बेहतर तरीके से की जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि स्थानीय निवासियों की समस्याएं न बढ़ें, उन्हें सुविधा प्राप्त हो साथ ही सड़क चौड़ीकरण में बिजली संबंधी कार्यों में लोगों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

हुकुमचंद मिल के मजदूरों को मिलेगी बकाया राशि

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर की हुकुमचंद मिल के मजदूरों को मिलने वाली 464 करोड़ की बकाया राशि से संबंधित फाइल पर हस्ताक्षर कर अपनी स्वीकृति प्रदान की है।

मांस-मछली के लिए भवन निर्मित किए जाएं : सीएम

राज्य शासन द्वारा मांस और मछली के खुले में बिकने पर प्रतिबंध लगाया गया है। इस पर सीएम ने कहा कि इनके विक्रेताओं को परेशानी न हो, इस उद्देश्य से नगरीय निकायों द्वारा मांस-मछली मार्केट के लिए आवश्यक रूप से भवन निर्मित किए जाएं। जब तक भवन निर्मित नहीं होते तब तक मांस, मछली विक्रय के लिए स्थल निर्धारित कर अस्थाई शेड की व्यवस्था तत्काल सुनिश्चित की जाएं। नगरीय निकायों के साथ-साथ बड़ी ग्रामीण पंचायतों में भी यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को इस संबंध में नगरीय विकास एवं आवास तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की संयुक्त बैठक लेकर तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

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