
भोपाल। ट्रांसफरेबल डेवलपमेंट राइट (टीडीआर) के बाद अब सरकार पार्किंग नीति रिफॉर्म पर विचार कर रही है। इसमें पार्किंग के लिए भी लोगों को अपने मकान में जगह छोड़ना होगा। यह व्यवस्था एक हजार स्क्वायर फिट से कम में पार्किंग जगह छोड़ने को लेकर छूट दी जाएगी, लेकिन इससे अधिक साइज के प्लाट पर पार्किंग की जगह छोड़नी होगी। इसके लिए भवन अनुज्ञा अनुमति और ले आउट प्लान में शामिल किया जाएगा।
निकाय अपने स्तर पर भीड़-भाड़ और बाजार में पार्किंग एरिया में विस्तार करेगा। इसके अलावा निकाय के अंदर खाली पड़े भूखंडों और जर्जर शासकीय भवनों की जगह पर मल्टी लेवल पार्किंग बनाई जाएंगी। इसके साथ ही शहर की बीचों बीच खाली भूखंडों के लिए लोक परिसंपत्ति प्रबंधन से लेने के संबंध में सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसमें पीपीपी मॉडल पर मल्टी लेवल पार्किंग पीपीपी मोड पर बनाई जाएगी।
निकायों की बढ़ेगी आय
दुकान, व्यावसायिक स्पेस बनाकर उसे किराए पर अथवा बेचकर इससे निकाय अपनी आय बढ़ा सकेंगे। भोपाल और इंदौर शहर में इस तरह नई नई जगह की तलाश कर पेड पार्किंग प्लान किया जाएगा। वहीं सड़कों के किनारे खड़े कंडम वाहनों को जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
पार्किंग से ये फायदा
निकायों का यह मानना है कि सड़कों के दोनों तरफ एक-एक लेन पार्किंग के रूप में तब्दील हो जाती है, इससे सड़कों में हमेशा जाम की स्थिति बनी रहती है। वाहन पार्किंग में खड़े होने से निकाय को भी लाखों रुपए प्रति माह मिलेगा और लोगों के वाहन भी सुरक्षित रहेंगे।