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महिला स्व सहायता समूहों ने तीन टोल नाकों को बखूबी चलाया, अब चार बड़े टोल देने की तैयारी

इसलिए प्रोजेक्ट सफल इन नाकोें पर न विवाद हुए और न ही कोई गड़बड़ी

अशोक गौतम-भोपाल। सरकार महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने लगातार प्रयास कर रही है। इसी को लेकर सरकार ने 8 माह पहले 3 टोल टैक्स पर वसूली के काम स्व सहायता समूहों को दिया था जिसका उन्होंने बखूबी संचालन किया। अब सरकार इन्हें बड़े टोल देने की तैयारी कर रही है। टोल वसूली का पूरा सिस्टम मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) तैयार कर रहा है। कार्पोरेशन इन समूहों को पहले चरण की ट्रेनिंग भी दे चुका है।

स्व सहायता समूहों के पास अभी इन टोलों का संचालन

  1. कायथा (उज्जैन-मक्सी)
  2. चाचाखेड़ी (शाजापुर-दुपाड़ा)
  3. संजयनगर (मल्हेरा चांदला)

ये टोल सौंपने पर विचार

  1. सौसा टोल (मोहनपुर बीहट रोड)
  2.  अम्बा नगर और उरहर टोल (गंजबासौदा टोल)
  3. टोरनोद टोल (नागदा धार रोड)
  4. बोरखेड़ी टोल (नीमच मनासा)

तीन नाकों पर 75 महिलाएं : अभी जो तीन टोल नाके स्वसहायता समूहों को दिए गए हैं, वहां पर 75 महिलाएं काम कर रही हैं। इनमें से हर एक टोल पर 25 महिलाएं हैं।

तीस फीसदी राशि मिलेगी

अभी जो तीन टोल स्वसहायता समूह चला रहे हैं, उनसे हर साल 80 लाख से 1 करोड़ रुपए टोल वसूली की जाती है। इसमें से इन समूहों को टोल वसूली का 30 फीसदी हिस्सा देने प्रावधान किया गया है। जो चार नए टोल देने की तैयारी है, उनसे अभी सालाना 2 करोड़ का टोल टैक्स वसूला जाता है। अगर ये टोल इन्हें मिलते हैं तो स्व सहायता समूहों को 30 फीसदी के हिसाब से 60 लाख रुपए प्रति वर्ष मिलेगा।

टोल चलाने वालीं महिलाओं से जानिए कैसे किया संचालन

महिला स्व सहायता समूह उज्जैन की पूजा परमार बताती है कि कायथा (उज्जैन-मक्सी) रोड पर 16 से लेकर 20 लाख रुपए प्रति माह टोल वसूली होती है। इसमें से 30 प्रतिशत हमारे समूह को दिया जाएगा। टोल संचालन में किसी तरह की समस्या नहीं आ रही है। इसमें एमपीआरडीसी के कर्मचारी तकनीकी सहायता करते हैं। हम अपने समूह की 25 महिलाओं के साथ टोल का संचालन करते हैं। समूह चाहता है कि सरकार और टोल संचालन का काम भी हम लोगों को दे।

तीनों टोल नाकों पर विवाद जैसी शिकायत नहीं आई

महिला स्व सहायता समूहों को अलग अलग काम कराने की ट्रेनिंग दी गई है। कुछ जगह पर समूह काम कर रहा है, कोई भी शिकायत नहीं आई है। अन्य टोल वसूली का काम भी एमपीआरडीसी इन स्वसहायता समूहों को दे सकता है। -मनोज पुष्प, मुख्य कार्यपालन अधिकारी , मध्य प्रदेश राज्य आजीविका मिशन

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