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चीन में बच्चों को चपेट में ले रही रहस्यमयी बीमारी, इससे निपटने भारत में भी हो रही तैयारी..आखिर क्यों…? जानिए लेटेस्ट अपडेट्स

चीन के उत्तरी प्रांतों में लगातार तेजी से फैल रही रहस्यमयी बीमारी ने एक बार फिर दुनिया को टेंशन में डाल दिया है। वहां पिछले कछ समय से बच्चों में एक अनोखे ढंग के निमोनिया के मामले बेहद तेजी से बढ़े हैं, जिसमें मासूमों को सांस लेने में दिक्कत हो रही है। हालात की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इस पड़ोसी मुल्क में महज एक दिन में 7 हजार से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) चाइना में लगातार गंभीर होती इस बीमारी पर नजर बनाए हुए है। इससे पहले चीन से ही फैले कोविड-19 की वजह से भारत समेत दुनिया भर में हजारों लोग अपनी जान गंवा बैठे थे। ऐसे में चीन में फैल रही एक नई बीमारी भारत के लिए कठिन मुसीबत न बन जाए। यही कारण है कि केंद्र सरकार मे इस रोग से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं। आइए जानते है चाइना की इस रहस्यमयी बीमारी का सामना करने के लिए भारत द्वारा की गई तैयारी के बारे।

क्या वाकई फ्लू का नया रूप है यह बीमारी?

कोरोना के बाद चीन फिर रहस्यमयी बीमारी के जाल में उलझा है। यहां पर माइकोप्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के केस बढ़ते जा रहे हैं। इसकी गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि ये बच्चों को तेजी से अपनी गिरफ्त में लेता है और इसके संक्रमण से सांस संबंधी तकलीफ शुरू हो जाती है। मेडिकल साइंस के  एक्सपर्ट्स के मुताबिक इन बीमारियों में H9N2 वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है।

क्या है H9N2 वायरस?

बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू (bird flu or avian flu) A टाइप का इन्फ्लुएंजा वायरस है। H9N2 इसी इन्फ्लुएंजा A वायरस का सबटाइप है। इससे न सिर्फ पक्षी, बल्कि इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं। H9N2 वायरस पहली बार 1966 में अमेरिका से सामने आया था। तब ये वायरस जंगली टर्की पक्षी के झुंड में पाया गया था। अमेरिका के नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन (NCBI) के अनुसार H9N2 वायरस दुनियाभर में पक्षियों के साथ ही पॉल्ट्री फार्म के पंछियों में पाया जाता है और यह इंसानो में भी फैल सकता है। रिसर्च के मुताबिक, H9N2 वायरस फ्लू  कोविड की ही तरह अगली महामारी का कारण बन सकता है क्योंकि इसके लक्षण बहुत हल्के होते हैं और इस कारण कई बार रिपोर्ट में इसकी पुष्टि नहीं हो पाती।

इस बीमारी के लक्षण

  • खांसी
  • गले में दर्द या खराश
  • बुखार
  • फेफड़े में सूजन
  • सांस नली में सूजन

चीन में बड़ी संख्या में एडमिट हो रहे लोग

नवंबर की शुरुआत में चीनी एक्सपर्ट्स ने अलर्ट जारी कर सर्दियों के दौरान कोविड-19 संक्रमण दोबारा फैलने की आशंका जताई थी। चीनी सरकार ने इसके साथ ही बुजुर्ग और बीमार लोगों को वैक्सीनेशन कराने की एडवाइजरी भी जारी की थी। इस रोग के बारे में सबसे पहले चीन के नेशनल हेल्थ कमीशन (National Health Commission) ने 13 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस मं पहली बार खुलासा किया था कि इस रहस्यमय रोग के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बड़ी है। यह रोग सुर्खियों में तब आया जब WHO ने प्रोग्राम फॉर मॉनिटरिंग इमर्जिंग डिजीज (प्रोएमईडी) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए चीन से जानकारी मांगी।

चीन में इन स्थानों पर तेजी से फैल रही बीमारी

चीन की राजधानी बीजिंग और उसके करीब 800 किमी के दायरे में सभी हॉस्पिटल मरीजों से भर गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीजिंग एक सरकारी हॉस्पिटल में ही  हर दिन लगभग 1,200 इमरजेंसी में आ रहे हैं, जिन्हें  एडमिट किया जा रहा है। खास तौर पर यह वायरस  बच्चों में बेहद तेजी से फैल रहा है। यही कारण है कि हॉस्पिटल्स में भर्ती होने वाले बच्चों की तादाद अन्य आयु वर्ग के मुकाबले दो गुनी है। कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार  बच्चों के अलावा बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिलांए भी तेजी से इस रहस्यमय रोग के शिकंजे में फेस सकते हैं।

यह है चीन का दावा

चीनी अधिकारियों के अनुसार इस रोग के लिए इन्फ्लूएंजा, माइकोप्लाज्मा निमोनिया, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (आरएसवी), और SARS-CoV-2 (वह वायरस जो COVID-19 का कारण बनता है) जैसे कारण हैं। चीन का मानना है कि यह बीमारी कोविड -19 प्रतिबंधों को हटाने की वजह से फैल रही है। चीन के अफसर मानते हैं कि यह रोग सर्दियों में पीक पर होगा।

 

WHO  की गाइड लाइन्स

  • समय पर वैक्सीनेशन कराए।
  • समय पर जरुरी मेडिकल टेस्ट कराए।
  • बीमार लोगों से दूरी बनाए रखें।
  • बाहर निकलने से पहले मास्क लगांए।
  • बीमार होने पर आइसोलेट हो जाए।
  • हाथों को साफ रखें।
  • लोग अपने घरों में और पास-पास सफाई रखें
  • सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

भारत ने भी की की तैयारी

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में चीन में तेजी से पैर पसार रहे इस रहस्यमय रोग से देश में निपटने के लिए हेल्थ और हॉस्पिटल्स की तुरंत समीक्षा करने को कहा है। इस खत में कहा गया है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए देश के सभी अस्पतालों में कोविड की तर्ज पर मानव संसाधन, फ्लू की दवाएं और टीके, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक, टेस्टिंग किट एवं रिएजेंट और वेंटिलेटर को रेडी करने के निर्देश दिए हैं।

(इनपुट – सोनाली राय)

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